27 September 2021: केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। सोमवार, 27 सितंबर को किसान आंदोलन के 10 महीने पूरे हो रहे हैं, जिसकी वजह से संयुक्त किसान मोर्चा इस दिन देशव्यापी हड़ताल कर रहा है। इस हड़ताल में 40 से अधिक कृषि संगठन, भाजपा, कांग्रेस और एलडीएफ जैसे कई राजनीतिक दल भी शामिल हैं। इस दौरान पूरे देश में जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी तरह की गतिविधियां बंद रहेंगी। यहां हम बता रहे हैं कि कल क्या खुलेगा और क्या बंद रहेगा।
यह भारत बंद सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगा। एसकेएम ने आश्वासन दिया है कि बंद को स्वैच्छिक और शांतिपूर्ण तरीके से लागू किया जाएगा।
किसान नेताओं की योजना के अनुसार यह भारत बंद सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा। इस दौरान आंदोलन से जुड़े सभी लोग दिल्ली बॉर्डर के सभी रास्तों पर धरना देंगे। इस बार गांव से किसानों को दिल्ली बॉर्डर पर नहीं बुलाया जा रहा है, लेकिन वो अपने-अपने गांव में विरोध करेंगे। गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसान NH-24 और NH-9 में ट्रैफिक जाम करेंगे। यूपी के किसान भी हाइवे जाम करने नहीं पहुंचेंगे, बल्कि वो अपने-अपने क्षेत्र में बंद का आयोजन करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा नेताओं के नेताओं का कहना है कि पुलिस ने आंदोलनकारी किसानों को हटाने की कार्रवाई की तो किसान जेल जाना पसंद करेंगे लेकिन सड़कों से नहीं हटेंगे।
क्या खुलेगा और क्या रहेगा बंद
इस दौरान पूरे देश में सभी सरकारी और निजी कार्यालय, शैक्षणिक और अन्य संस्थान, दुकानें, उद्योग और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान के साथ-साथ सार्वजनिक कार्यक्रम बंद कराए जाएंगे। हालांकि, अस्पताल, मेडिकल स्टोर, राहत और बचाव कार्य और व्यक्तिगत आपात स्थिति में शामिल लोगों सहित सभी आपातकालीन प्रतिष्ठानों और आवश्यक सेवाओं को छूट दी जाएगी। बंद के दौरान एंबुलेंस और इमरजेंसी सर्विसेज को नहीं रोका जाएगा। हालांकि मालवाहक ट्रकों और गाड़ियों को दिल्ली से बाहर या अंदर जाने से रोका जाएगा।
इन दलों ने किया समर्थन
किसानों के इस भारत बंद को कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, वाम दल, तेलुगू देशम पार्टी, एलडीएफ और बैंक अधिकारी संघ ने अपना समर्थन दिया है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने घोषणा की है कि वो भी देशव्यापी हड़ताल में हिस्सा लेंगे। इसके साथ ही पंजाब के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी बंद का समर्थन किया है। भारतीय किसान यूनियन ने उनके समर्थन का स्वागत किया है, लेकिन कहा है कि वो किसी भी राजनीतिक दल के साथ मंच साझा नहीं करेंगे।