उनके पास तीन सफ़ेद डबल-केबिन गाड़ियां आ कर रुकीं, जिसमें से दूसरे सशस्त्र तालिबान उतरे और उन्होंने पहले से खड़े लड़ाकों की जगह ले ली. इसके बाद वहां पहले से पहरा दे रहे तालिबान, उन्हीं गाड़ियों में बैठ कर वहां से चले गए. शायद ये सुबह दस बजे सीमा पर तैनात तालिबान की शिफ़्ट बदलने का समय था.
तालिबान के गार्ड्स (Guards)ने अपनी पोज़िशन संभालने के बाद, अफ़ग़ानिस्तान में माल से भरे खड़े ट्रकों को पाकिस्तान में प्रवेश करने की अनुमति दी, जिसके बाद वाणिज्यिक ट्रकों के आने का सिलसिला शुरू हो गया.
लेकिन सीमा के इस पार मौजूद सशस्त्र तालिबान लड़ाकों से न कोई बात करता, न कोई सवाल और न कोई अनुरोध करता दिखाई दिया.