जानिए क्या है पूरा मामला:
जानकारी के अनुसार इसी पटवार के अंतर्गत एक परिवार का कहना है की 2012 को इनके नाना जी ने लोन लिया था लोन भरने के वाद पटवारी को जमीन भार मुक्त करने के लिए कागजात दे दिए गए। 9 साल वाद जब हम दोबारा लोन के लिए पटवारी से भारमुक्त का सर्टिफिकेट लेने गए तो पटवारी का कहना था की आपकी जमीन भारमुक्त नही हुई है । आपके कागजात खो गए है। जब हमने रिक्वेस्ट की हमारी तो कोई गलती नही है तो हमसे बदतमीजी की गई और बार बार पटवारखाने के चक्कर लगवाए गए।
थक हार के जब परिवार वाले तहसीलदार के पास गए तो तहसीलदार ने पटवारी को बोला की इनका काम कीजिए। परंतु जब परिवार वाले दोबारा पटवारी के पास गए तो पटवारी बोलने लगा मेरी ड्यूटी लगी है और मुझे बार बार तंग न करो और 18 तारीख के बाद आना काम करवाने के लिए । परिवार ने अपने बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए लोन लेना था जिसकी अंतिम तिथि 14 अगस्त को है और बच्चे का करियर खराब होता है तो पटवारी इसका जिम्मेवार होगा ।
15 दिन पटवार खाने और तहसील के चक्कर लगाने के वाद परिवार ने मुख्य सचिव हिमाचल सरकार और कैबिनेट मंत्री महेंद्र ठाकुर को शिकायत कर दी और मुख्य सचिव हिमाचल ने पटवारी पर जांच के लिए उच्च अधिकारियों को निर्देश दे दिए है।