Himachal: E-Pass Required For Entry in HP: अब बिना रेजिस्ट्रेशन नहीं मिलेगा हिमाचल में प्रवेश - आदेश जारी : पढ़ें पूरी खबर

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शिमला : हिमाचल प्रदेश(Himachal Pradesh) में अब बिना पंजीकरण के प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी। सरकार ने यह निर्णय इसलिए लिया है ताकि बाहर से आने वाले लोगों की आसानी से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग (Contact Tracing) की जा सके। हालांकि जो व्यक्ति बाहरी राज्य में जाकर 72 घंटे के भीतर अपना काम निपटाता है तो उसे आवाजाही की छूट मिलेगी। माता-पिता और अभिभावकों के साथ आने वाले 18 साल से कम आयु के बच्चों को बिना आरटी-पीसीआर(RT-PCR) व रैट टैस्ट के प्रवेश की अनुमति होगी लेकिन अकेले आने पर टैस्ट रिपोर्ट की शर्त लागू रहेगी।

उल्लेखनीय है कि राज्य में पहले ही आरटी-पीसीआर की 72 घंटे व रैट की 24 घंटे की रिपोर्ट या फिर वैक्सीन(Vaccine)  की 2 डोज लगाने पर प्रवेश की अनुमति है। इसके अलावा अब प्रदेश में प्रवेश के लिए ई-कोविड सॉफ्टवेयर(E - Covid Software) पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा। राज्य में मालवाहक वाहनों को आवाजाही और लोडिग-अनलोडिंग की अनुमति होगी। आपदा प्रबंधन सैल की तरफ से आशय संबंधी नई गाइडलाइन को जारी कर दिया गया है। प्रदेश में सरकारी एवं निजी क्षेत्र में नौकरी करने वाले लोगों व स्वास्थ्य संबंधी कारणों से रोजाना एवं सप्ताह में आवाजाही करने पर अनुमति मिलेगी।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर(CM Jairam Thakur) की अध्यक्षता में होने वाली मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में भीड़ को नियंत्रित करने को लेकर बंदिशें लग सकती है। इसी तरह स्कूलों में विद्यार्थियों को 22 अगस्त के बाद भी बुलाए जाने की उम्मीद कम है। इसका एक कारण यह है कि स्कूल स्तर पर अभी विद्यार्थियों को वैक्सीन नहीं लगी है, ऐसे में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पूरे अगस्त माह में विद्यार्थियों को स्कूल बुलाए जाने की संभावना कम है। इतना जरुर है कि 18 वर्ष से अधिक आयु के कॉलेज जाने वाले ऐसे विद्यार्थियों की पहली सितम्बर से नियमित कक्षाएं लग सकती है, जिनको वैक्सीन लग चुकी है।

स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने बताया कि कोविड-19 की तीसरी लहर (Third wave Covid)से जूझने के लिए 4 जिलों में सर्वे करवाया जाएगा। सर्वे की रिपोर्ट 15 सितम्बर तक स्वास्थ्य विभाग के पास आएगी। इस सर्वे में स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञ मंडी, कांगड़ा, ऊना तथा चम्बा जिलों में लोगों में एंटीबॉडीज का पता लगाने के साथ यह जानकारी प्राप्त करेंगे कि यहां के लोगों में कोरोना से जंग लडऩे की कितनी क्षमता है। 

इससे पहले भी आईसीएमआर कुल्लू जिला में इस तरह का सर्वे कर चुका है, जिसमें वहां के 62 फीसदी लोगों में एंटीबॉडीज पाई गई है। उन्होंने कहा कि ऐसा माना जा रहा है कि अक्तूबर माह में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है, जिसके लिए प्रदेश में सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है।

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