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Himachal Pradesh: रिज मैदान में लगेगी पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की प्रतिमा : पढ़ें पूरी खबर

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शिमला:  हिमाचल प्रदेश के शिमला (Shimla City) शहर में निगम की दुकानों का किराया बढ़़ाने का फार्मूला नगर निगम की मासिक बैठक में मंजूर हो गया. शुक्रवार को निगम की मासिक बैठक में इस पर विस्तार से चर्चा कर मंजूरी दे दी. मेयर की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस मसले पर चर्चा हुई. बैठक में कारोबारियों का किराया बीस फीसद बढ़ाने का फैसला लिया. ये कारोबारी दशकों पहले 100 से 50 रुपये मासिक किराए दे रहे हैं. इनका किराया कम से कम 500 रुपये तय किया जाए. हर तीन साल के बाद किराए की राशि में दस फीसद की बढ़ोतरी की जाएगी.इसके साथ ही जिन कारोबारियों ने निगम से मिली दुकान के दायरे को बढ़ा दिया है, यानि ज्यादा स्थान पर दुकान बना ली है. उनके किराए में 40 फीसद की बढ़ोतरी की जाएगी. शहर में निगम ने 967 दुकानें किराए पर दे रखी है. इनका किराया निगम को हर साल 3.5 करोड़़ के लगभग आता है, लेकिन पिछले दो साल से किराए को लेकर चल रहे विवाद के चलते निगम को कुछ हासिल नही हो पा रहा था।

मासिक बैठक में शहर से जुड़े मुद्दों को लेकर कई निर्णय लिए गए, जिसमें जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की प्रतिमा रिज मैदान पर दौलत सिंह पार्क में लगेगी.भाजपा शासित नगर निगम में ये प्रस्ताव कांग्रेस की पार्षद सिमी नंदा ने लाया. इस प्रस्ताव पर कांग्रेस के साथ भाजपा के पार्षदों ने भी अपनी सहमति दी. ध्वनिमत से निगम के सदन से ये प्रस्ताव पारित कर दिया.कांग्रेस के अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर सहित अन्य नेता लगातार ही इस मांग कर रहे थे. इसके अलावा करीब चार करोड़ से ज्यादा कार्यों को मंजूरी दी गई।


इससे पूर्व मासिक बैठक में जोरदार हंगामा देखने को मिला, जिसमें पार्षदों ने जल निगम को पानी के आबंटन प्रणाली को लेकर कटघरे में खड़ा किया.शहर में पेयजल आपूर्ति को लेकर पार्षदों ने जमकर हंगामा किया.निगम का सदन शुरू होते ही पूर्व मेयर कुसुम सदरेट, पार्षद किरण बावा सहित दिवाकर देव शर्मा ने जमकर हंगामा किया. उन्होंने आरोप लगाया कि शहर में ही तीन दिन तक लगातार पानी नहीं आ रहा है. शिमला जल प्रबंधन निगम में अधिकारियों के मोबाइल बंद है. कनिष्ठ अभियंताओं से बात करें तो साफ कहते है कि हमारे हाथ में कुछ नहीं हैं.ऐसे में पार्षदों को लोगों को जवाब देना मुश्किल हो रहा है.सदन में हंगामा बढ़ता देख मेयर ने दो मिनट के लिए हाउस की कार्यवाही को रोक दिया.इसके बाद फिर से हाउस की बैठक को शुरू किया. शहर में दो से तीन महीने पहले हिमकेयर कार्ड बनाने का काम शुरू किया था.इस दौरान पार्षदों को माध्यम से हिमकेयर के कार्ड बनवाए थे. आज तक लोगो को ये कार्ड नहीं मिले हैं. पार्षदों ने बीपीएल कार्ड का मसला भी उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि 35 हजार इसके लिए आय सीमा तय की है. इसके दायरे के लोग शहर में नहीं मिलते है.पार्षद कैसे तय करेगा कि किसकी आय कितनी है. इसको लेकर काफी समय तक सदन में हंगामा होता रहा. शहर में कोरोना काल के दौरान कारोबारियों को कूड़े के बिलों में कोई राहत नहीं दी. जिम के बिल को कम करने का प्रस्ताव फिर आया, दवा के दुकानदारों को भूले. इनमें से किसी पर भी सहमति नहीं बन सकी।

अब उम्मीद बंधी है कि निगम को किराए से फिर से आय होने की उम्मीद बंधी है.नए सिरे से दुकानों का निर्माण किया जा रहा है. बता दें कि कई दुकानों का किराया शहर में तहबाजारियों से भी कम है. तहबाजारी से भी निगम महीने का तीन से पांच सौ रुपये किराया वसूलता है.इसलिए लगातार ही दुकानों का किराया बढ़ाने की कवायद चल रही है. नगर निगम की ओर से दुकानों पर बढ़े हुए किराए की दर 2018 से लागू होगी. इससे निगम को एक साथ अच्छी खासी आय मिलेगी.हर दुकान से निगम को दो से तीन साल का किराया कम से कम मिलेगा. जो दुकानदार एडवांस में देना चाहते हैं. वे तीन साल का भी एक साथ दे सकेंगे. उधर, व्यापार मंडल के अध्यक्ष और पार्षद इन्द्रजीत सिंह ने भी इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से दुकानदारों को राहत जरूर मिलेगी।


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