विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी चेतावनी दी है कि कई देशों में कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है परंतु भारत में सब स्थानों पर जिस प्रकार से कोताही बरती जा रही है व भीड़ बढ़ रही है, उसका परिणाम तीसरी लहर के रूप में सामने आ सकता है। शांता कुमार के अनुसार दाएं-बाएं भयंकर कोताही का आलम है, ऐसे में उनके पड़ोसी ने समझदारी का कार्य किया है। यह कार्य कर उन्होंने दूसरों के लिए भी मार्ग प्रशस्त किया है।
कांवड़ यात्रा तथा इस प्रकार के आयोजनों को लेकर शांता कुमार आहत दिखे। उन्होंने कहा कि कहीं कांवड़ यात्रा हो रही है तो कहीं इस प्रकार के अनेक मूर्खतापूर्ण पग उठाए जा रहे हैं। यह सीधे-सीधे तीसरी लहर को आमंत्रण देना है। इसके लिए सरकार व लोग दोनों दोषी हैं। सरकार भीड़ न जुटाने का परामर्श तो दे रही है, परंतु कर कुछ नहीं रही है। सरकार तथा जनता की लापरवाही से दूसरी लहर अनेक लोगों के लिए कभी न भुलाए जाने वाला दुख व पीड़ा देकर गई है। यदि यही क्रम जारी रहा तो तीसरी लहर भी भयावह होगी और इसके लिए सरकार व लोग स्वयं जिम्मेदार होंगे।