ब्लैक फंगस के इलाज़ के लिए 21 लाख रुपए हम कहां से लाएं सीएम साहब : पढ़ें पूरी खबर

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शिमला : आर्मी के सेवानिवृत सैनिक ने सोशल मीडिया के माध्यम से एक मेसेज जारी किया है, जिसमें उन्होंने प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर और स्वास्थमंत्री राजीव सहजल तक अपनी बात पहुंचना चाहते हैं। उनका कहना है कि ब्लैक फंगस के इलाज के लिए 21 लाख रूपए लग रहे हैं और इतना पैसा उनके पास नहीं है इलाज के लिए वे इतना पैसा कहा से लाए। मामला हिमाचल प्रदेश के शिमला में आईजीएमसी अस्पताल का है। हमीरपुर जिले से आए सबसे पहले ब्लैक फंगस केस में महिला मरीज के परिजनों ने सीएम जयराम से मदद की गुहार लगाई है। परिवार के लिए आर्थिक तंगी सामने आ रही है। दरअसल, आईजीएमसी शिमला में 52 वर्षीय महिला कई बीमारियों से ग्रसित होने के साथ-साथ ब्लैक फंगस से भी जूझ रही हैं। महिला के पति सेवानिवृत सैनिक हैं, लेकिन उन्हें इलाज के लिए अब 21 लाख रुपये की दरकार है। आर्मी से सेवानिवृत सैनिक रतन चंद ठाकुर ने बताया कि 4 मई को महिला का कोरोना टेस्ट पॉजीटिव आया था। हमीरपुर अस्पताल में उपचार शुरू हुआ और फिर उन्हें नेरचैक रेफर कर दिया गया। वहां पर भी उनकी हालत में सुधार न होता देख चिकित्सकों ने मामले की गंभीरता को भांपते हुए उन्हें आईजीएमसी शिमला रेफर कर दिया। 19 मई को आईजीएमसी में महिला में ब्लैक फंगस के लक्षण पाए गए। यह हिमाचल प्रदेश में ब्लैक फंगस का पहला मामला था। महिला की मुंह और नाक की सर्जरी हो चुकी है तथा एक आंख की सर्जरी तीन जून यानी गुरुवार को हुई। अब जो इंजेक्शन चिकित्सकों ने बताया है उसकी कीमत बाजार में तीन हजार है तथा दिन में ऐसे 12 इजेंक्शन लगेंगे, यानी एक दिन में 36 हजार रुपए के इंजेक्शन लगेंगे। चिकित्सकों का यह भी कहना है कि यह इजेंक्शन इसी रूटीन में दो महीने तक लगेंगे। ऐसे में दो महीने में सिर्फ इंजेक्शन का ही खर्चा 21 लाख 60 हजार के करीब है। मध्यमवर्गीय इस परिवार के लिए यह खर्चा सोच से भी परे है। पूर्व सैनिक ने अपनी व्यथा को सोशल मीडिया पर भी डाला है, ताकि किसी न किसी जरिए उनकी आवाज सरकार व दानी सज्जनों तक पहुंचे। पूर्व सैनिक रतन लाल ठाकुर ने सीएम जयराम ठाकुर और स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. राजीव सहजल से अपील की है कि उनकी हालत को देखते हुए उनकी पत्नी को बचाने के लिए आगे आएं तथा दुख की इस घड़ी में मदद करें। महिला के बेटे सुमित का कहना है कि सरकार की ओर से इलाज के खर्च के लिए मदद की जाए, हम यह खर्च कहां से वहन करेंगे। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सीएम जयराम ठाकुर को ट्वीट कर टैग भी किया था, लेकिन अभी तक कोई रिप्लाई नहीं आया। अभी तो जो इलाज चल रहा है वो पाउडर के रूप में दिया जा रहा है। इंजेक्शन की जरूरत है, इंजेक्शन मंगवाने होंगे। प्राइवेट में भी इंजेक्शन नहीं मिल रहा है।

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