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शिमला, 11 जुलाई। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने 'माई डीड' एनजीडीआरएस (नेशनल जेनरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम) पायलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया। इस पहल से जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया को और अधिक सरल और सुविधाजनक बनाया जा सकेगा।
नागरिकों को मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पहल से नागरिकों को अपनी जमीन की रजिस्ट्री करवाने के लिए केवल एक बार कार्यालय जाना होगा। वे किसी भी समय और कहीं से भी भूमि पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकेंगे, जिससे उनका समय और श्रम बचेगा।
दस तहसीलों में शुरू हुई परियोजना
इस परियोजना का शुभारंभ बिलासपुर जिले की बिलासपुर सदर तहसील, जिला चम्बा की डलहौजी तहसील, जिला हमीरपुर की गलोड़ तहसील, जिला कांगड़ा की जयसिंहपुर तहसील, जिला कुल्लू की भूंतर, जिला मंडी की पधर तहसील, जिला शिमला की कुमारसेन, जिला सिरमौर की राजगढ़, जिला सोलन की कंडाघाट तहसील तथा जिला ऊना की बंगांणा तहसील में किया गया है।
जमाबंदी, ई-रोजनामचा वाक्याती और कारगुजारी पहल का शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने जमाबंदी, ई-रोजनामचा वाक्याती और कारगुजारी पहलों का भी शुभारंभ किया, ताकि राजस्व विभाग के कार्यों को और बेहतर बनाया जा सके और लोगों के लिए पंजीकरण व अन्य प्रक्रियाएं सरल व सुगम हो सकें।
नई जमाबंदी का प्रारूप सरल हिंदी में
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई जमाबंदी का प्रारूप सरल हिंदी में तैयार किया गया है। इसमें अब उर्दू, अरबी और फारसी जैसी पुरानी भाषाओं को हटाया गया है ताकि आम लोग भूमि रिकॉर्ड को आसानी से समझ सकें।
ई-रोजनामचा वाक्याती और कारगुजारी प्रणाली
ई-रोजनामचा वाक्याती से पटवारियों को प्रतिदिन की गतिविधियों का डिजिटल रिकॉर्ड रखने में सुविधा मिलेगी, जबकि कारगुजारी प्रणाली से वे अपनी दैनिक हाजिरी ऑनलाइन लगा सकेंगे। इससे तहसीलदार भी अपने कार्यों की निगरानी अधिक प्रभावी ढंग से कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री के निर्देश
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) और डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं शासन विभाग को निर्देश दिए कि राजस्व सेवाओं को अधिक प्रभावी और जन हितैषी बनाने के लिए विभिन्न डिजिटल मॉडयूल्स पर तेजी से कार्य करें। उन्होंने 10 दिनों के भीतर डिजिटल हस्ताक्षर युक्त जमाबंदी मॉडयूल तैयार करने के भी निर्देश दिए।
ऑनलाइन म्यूटेशन मॉडयूूल विकसित करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने 15 दिनों के भीतर ऑनलाइन म्यूटेशन मॉडयूूल विकसित करने के निर्देश दिए, जिससे म्यूटेशन पंजीकरण की प्रक्रिया में तेजी आएगी। उन्होंने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे इन सभी पहलों को ज़मीनी स्तर पर सक्रिय रूप से लागू करें ताकि लोग इन डिजिटल सेवाओं का पूर्ण लाभ उठा सकें।