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शिमला, 14 जुलाई। हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने एनएचएआई की अनियमितताओं से प्रभावित लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता देने का ऐलान किया। इन अनियमितताओं के कारण कई लोगों की जान और संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। मंत्री ने कहा कि एनएचएआई के अवैज्ञानिक कार्यों ने स्थानीय लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी की हैं। वे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर इस मुद्दे को उठाएंगे।
पीड़ितों के लिए कानूनी सहायता
अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि एनएचएआई की अनियमितताओं से प्रभावित सभी लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पिछले एक सप्ताह में “हिमाचल के लिए न्याय अभियान” के तहत 200 से अधिक लोगों ने अपनी शिकायतें दर्ज की हैं। एनएचएआई के खिलाफ कुल 700 शिकायतें सामने आई हैं। मंत्री ने जोर दिया कि फोरलेन निर्माण राष्ट्रीय महत्व का हो सकता है, लेकिन लोगों की सुरक्षा और संपत्ति की रक्षा पहली प्राथमिकता है।
एनएचएआई की अनियमितताओं पर सवाल
मंत्री ने एनएचएआई की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि फोरलेन निर्माण के दौरान चट्टानों को 90 डिग्री पर काटा गया, जिससे भूस्खलन का खतरा बढ़ा। चिह्नित क्षेत्र से बाहर कटान और अनधिकृत स्थानों पर मलबा डालने की शिकायतें भी सामने आई हैं। इन गलतियों के कारण कई लोगों के घर और जमीन को नुकसान पहुंचा। अनिरुद्ध सिंह ने इसे गंभीर लापरवाही करार दिया।
केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की योजना
अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि वे जल्द ही केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिलेंगे। वे हिमाचल की जमीनी स्थिति से उन्हें अवगत कराएंगे। उन्होंने एक कानून की मांग की, जिसमें सड़क निर्माण से पहले आसपास की 100 मीटर जमीन की वीडियोग्राफी अनिवार्य हो। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और अनियमितताओं पर रोक लगेगी। मंत्री ने कहा कि लोगों के नुकसान की भरपाई के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
ठेकेदार और अधिकारियों की जवाबदेही
मंत्री ने मुआवजे और शिकायत निवारण के लिए तत्काल प्रकोष्ठ बनाने की बात कही। उन्होंने जोर दिया कि नुकसान की स्थिति में ठेकेदार के साथ-साथ एनएचएआई अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होनी चाहिए। काम की निगरानी और पर्यवेक्षण में सुधार लाने की जरूरत है। अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि लोगों के हितों की रक्षा के लिए सरकार हर संभव कदम उठाएगी।