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शिमला, 04 जून। हिमाचल प्रदेश में हुए विमल नेगी घटनाक्रम में लगातार नई अपडेट आ रही है। एक अफसर की मौत के बाद से सरकार और कार्यप्रणाली गंभीर सवालों के घेरे में है। इस मामले में सीबीआई की शुरुआती तफ्तीश ने शिमला पुलिस की एसआईटी की कार्यशैली को कठघरे में ला खड़ा किया है।
CDR से मिले संकेत
इस पूरे केस में SIT द्वारा की गई जांच पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। CBI अब कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) के आधार पर जांच की दिशा तय कर रही है। इस आधार पर यह पता लगाया जा रहा है कि शव मिलने के समय मौके पर कौन-कौन मौजूद था और किसने सबसे पहले स्थानीय थाने को सूचना दी।
मामले में सबसे बड़ा संदेह उस पेन ड्राइव को लेकर है, जो शव के पास से मिली थी। डीजीपी द्वारा हाईकोर्ट में दायर हलफनामे में यह साफ कहा गया है कि पेन ड्राइव की बरामदगी को लेकर भारी लापरवाही बरती गई। न सिर्फ उसके मिलने की प्रक्रिया में अस्पष्टता है, बल्कि सबसे गंभीर बात ये है कि पेन ड्राइव को फॉर्मेट कर दिया गया। जिसके बाद पेन ड्राइव मामले में एक एएसआई को भी सस्पेंड कर दिया गया था।
CBI की दो टीमें शिमला में जुटी
CBI की दो विशेष टीमें शिमला के ग्रैंड होटल में बनाए गए अस्थायी कैंप ऑफिस से इस मामले की जांच कर रही हैं। उन्होंने एसपी ऑफिस शिमला से जब्त रिकॉर्ड की गहराई से स्टडी शुरू कर दी है। केस के हर पन्ने को सीबीआई अब खुद खंगाल रही है।
परिवार से भी होगी पूछताछ
सूत्रों के अनुसार CBI ने इस हफ्ते विमल नेगी के भाई से पूछताछ कर ली है और अब उनकी पत्नी किरण नेगी से भी इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली जा सकती है। CBI जानना चाहती है कि नेगी किन दबावों या हालातों से गुजर रहे थे, जो उन्हें ऐसे अंजाम तक ले आए।