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शिमला, 03 जून। हिमाचल में चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत का मामला अब और गहराता जा रहा है। छुट्टी पर चल रहे शिमला के एसपी संजीव गांधी ने सोमवार देर शाम हाईकोर्ट में नए सिरे से एलपीए (Letters Patent Appeal) दायर की है। पहले दायर याचिका में तकनीकी त्रुटियों को दुरुस्त करते हुए अब अपील गांधी ने व्यक्तिगत रूप से अपने नाम से की है। हाईकोर्ट की डबल बेंच के समक्ष यह याचिका एक-दो दिन में सूचीबद्ध हो सकती है।
SIT को सुनवाई का मौका तक नहीं: गांधी
अपनी नई याचिका में संजीव गांधी ने सवाल उठाया है कि डीजीपी की ओर से नियुक्त एसआईटी को केस में कोई जवाब दाखिल करने का मौका ही नहीं दिया गया। बावजूद इसके, एकल न्यायाधीश ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। गांधी का कहना है कि यह प्रक्रिया न्याय की मूल भावना के खिलाफ है और SIT की भूमिका को अनदेखा कर दिया गया।
CBI कर रही है टारगेटेड इन्वेस्टिगेशन
अपनी अपील में गांधी ने यह भी दावा किया है कि केंद्र सरकार की एजेंसी उनके खिलाफ दुर्भावनापूर्ण तरीके से काम कर रही है। वे विधायकों की खरीद-फरोख्त जैसे सियासी मामलों की जांच भी कर रहे हैं। इतना ही नहीं, 2023 में शिमला के एक भोजनालय में हुए गैस विस्फोट के मामले में उन्हें एनएसजी के माध्यम से आतंकी घटना से जोड़ने की कोशिश की गई थी, जबकि जांच में साफ हो चुका है कि धमाका महज गैस रिसाव की वजह से हुआ था।
देखने को मिल सकती है टकराव
गांधी की यह नई एलपीए याचिका न सिर्फ विमल नेगी केस में जांच की दिशा को प्रभावित कर सकती है, बल्कि हिमाचल में बढ़ती राजनीतिक और पुलिसिया रस्साकशी को भी उजागर करती है। अब यह देखना अहम होगा कि क्या हाईकोर्ट दोबारा मामले की जांच पर विचार करता है या CBI को ही आगे की जिम्मेदारी सौंपे रखता है।