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शिमला, 27 मई। हिमाचल प्रदेश के विमल नेगी केस ने नया मोड़ ले लिया है। हाईकोर्ट के आदेश पर शिमला पुलिस ने न्यू शिमला थाने की एफआईआर से जुड़े सभी रिकॉर्ड CBI को सौंप दिए। यह कार्रवाई 24 मई को CBI की शिमला शाखा के पत्र के बाद हुई। बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत ने कई सवाल खड़े किए हैं। परिवार का दावा है कि उनकी मौत आत्महत्या नहीं, बल्कि प्रताड़ना का नतीजा है।
हाईकोर्ट का आदेश और CBI की भूमिका
23 मई को हिमाचल हाईकोर्ट ने किरण नेगी की याचिका पर सुनवाई करते हुए केस CBI को सौंपा। कोर्ट ने कहा कि जांच में पारदर्शिता जरूरी है। CBI की एंटी करप्शन ब्रांच ने शिमला पुलिस से रिकॉर्ड मांगा। डिप्टी SP गोविंद सिंह सोलंकी ने रिकॉर्ड सौंपने के लिए पत्र भेजा। पत्र में स्पष्ट था कि कोई भी हिमाचल कैडर का अधिकारी जांच में शामिल नहीं होगा।
SP और DGP के बीच तनाव
शिमला SP संजीव गांधी ने DGP अतुल वर्मा पर गंभीर आरोप लगाए। गांधी ने कहा कि DGP ने जांच में बाधा डाली और गलत हलफनामा दायर किया। दूसरी ओर, DGP ने SIT की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। गांधी ने कहा कि वह कोर्ट में दोबारा अपील करेंगे। हालांकि, CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील न करने की बात कही। यह तकरार सुर्खियों में है।
विमल नेगी की मौत का विवाद
विमल नेगी, HPPCL के चीफ इंजीनियर, 10 मार्च को लापता हुए थे। उनका शव 18 मार्च को बिलासपुर के गोबिंद सागर झील में मिला। परिवार ने HPPCL के वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया। किरण नेगी ने CBI जांच की मांग की थी। पोस्टमॉर्टम में पांच दिन पहले मौत होने की बात सामने आई। परिवार का कहना है कि जांच में सबूत दबाए गए।
जांच में अनियमितताओं का आरोप
हाईकोर्ट ने SIT की जांच को अपारदर्शी माना। कोर्ट ने कहा कि SIT ने नेगी के लापता होने के पांच दिनों की जांच नहीं की। एक पेन ड्राइव, जिसमें महत्वपूर्ण सबूत थे, फॉर्मेट होने का मामला भी सामने आया। ASI पंकज पर इस पेन ड्राइव को छिपाने का आरोप लगा, जिसके बाद उन्हें निलंबित किया गया। कोर्ट ने SIT की निष्क्रियता पर नाराजगी जताई।
परिवार और जनता की मांग
विमल नेगी के परिवार ने शुरू से CBI जांच की मांग की थी। 19 मार्च को परिवार और HPPCL कर्मचारियों ने शव के साथ प्रदर्शन किया। किरण नेगी ने CM को पत्र लिखकर हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने की मांग की। उन्होंने कहा कि देरी न्याय में बाधा है। इस केस ने राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है।
CBI जांच से नई उम्मीद
CBI ने अब इस केस की जांच शुरू कर दी है। शिमला पुलिस ने सभी रिकॉर्ड सौंप दिए हैं। जांच में पारदर्शिता और निष्पक्षता की उम्मीद है। परिवार का मानना है कि CBI सच्चाई सामने लाएगी। इस केस ने हिमाचल पुलिस की कार्यप्रणाली और कार्यस्थल पर उत्पीड़न के मुद्दे को फिर से उजागर किया है।