व्यवस्था परिवर्तन: IGMC शिमला में कैंसर रोगी को नहीं मिला इंजेक्शन, मरीज की हुई मौत, CM हेल्पलाइन पर शिकायत

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के वादे धरातल पर दम तोड़ते हुए नजर आ रहे हैं। प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में एक कैंसर रोगी को समय पर इंजेक्शन ना मिलने से उसकी मौत हो गई है। मृतक के परिजनों ने अब सीएम हेल्पलाइन पर इसकी शिकायत की है। परिजनों ने सीएम से इस मामले में उचित कार्रवाई की मांग उठाई है।

हिमकेयर में नहीं मिला कैंसर रोगी को इंजेक्शन

दरअसल सीएम हेल्पलाइन को सौंपी शिकायत में परिजनों ने कहा कि कैंसर रोगी हिमकेयर योजना के तहत पंजीकृत था और हिमेयर में पैसे थी। बावजूद इसके आईजीएमसी में कैंसर रोगी को इंजेक्शन नहीं मिला, जिसके चलते कैंसर रोगी की मौत हो गई। बड़ी बात यह है कि व्यक्ति की मौत की मौत के कुछ दिन बाद उन्हें अस्पताल से फोन आया और कहा गया कि इंजेक्शन आ गया है।

जयराम बोले ये हत्या है..

वहीं इस पूरे मामले पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी सुक्खू सरकार की व्यवस्था परिवर्तन पर सवाल उठाए हैं। जयराम ठाकुर ने अपने सोशल मीडिया पेज पर इस खबर को शेयर करते हुए लिखा है ये हत्या है। जिसकी जिम्मेदार व्यवस्था परिवर्तन की सरकार है। प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था का बेड़ागर्क हो गया है और जिम्मेदार लोग इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं है।

कैंसर रोगी की बेटी जाह्नवी शर्मा ने आरोप लगाया कि उसके कैंसर रोगी पिता को आईजीएमसी के एक डॉक्टर ने 13 नवंबर को एक जरूरी इंजेक्शन लगवाने को कहा था। जाह्नवी शर्मा ने बताया कि हिमकेयर में पंजीकृत होने और उसमें राशि होने के बावजूद उसके पिता देवराज को इंजेक्शन नहीं मिला। इंजेक्शन के लिए उन्होंने आईजीएमसी प्रबंधन के कई बार चक्कर काटे, लेकिन तब भी उन्हें इंजेक्शन नहीं मिला।

50 हजार में आता था इंजेक्शन

जाह्नवी शर्मा ने बताया कि इंजेक्शन की कीमत करीब बाजार में 50 हजार रुपए थी। लेकिन परिवार की आर्थिक हालत इतनी अच्छी नहीं है कि वह इंजेक्शन खरीद पाते। इंजेक्शन ना मिलने से उसके पिता की 3 दिसंबर को मौत हो गई। जाह्नवी ने शिकायत में कहा कि उनका परिवार हिमकेयर में पंजीकृत है और उसमें उपचार के लिए धनराशि भी थी। बावजूद इसके उन्हें इंजेक्शन नहीं मिला।

मौत के कुछ दिन बाद इंजेक्शन आने का किया फोन

उन्होंने बताया कि जब पिता की मौत हो गई तो उसके कुछ दिन बाद फोन आया कि इंजेक्शन आ गया है। जाह्नवी ने सीएम हेल्पलाइन में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मांग की है कि इस मामले में कोताही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाएं।

अब तक नहीं हुई कार्रवाई

जाह्नवी ने बताया कि सीएम हेल्पलाइन पर शिकातय दर्ज करने के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सीएम हेल्पलाइन से उनकी शिकायत बीएमओ मशोबरा चली गई। इसके बाद बीएमओ कार्यालय से उन्हें फोन आया उसमें कहा गया कि आईजीएमसी उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है और यह शिकायत उनके पास गलत आई है। 

अब दोबारा दर्ज नहीं हो रही शिकायत

बीएमओ कार्यालय की ओर से बताया गया कि उपचार में डॉक्टर की कोताही होती तो इस पर कार्रवाई हो सकती थी, लेकिन हिमकेयर में उपचार न मिलने का मामला उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। ऐसे में अब तक इस शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। वहीं अब सीएम हेल्पलाइन पर भी दोबारा शिकायत दर्ज नहीं हो रही है।

क्या बोले आईजीएमसी के अधिकारी

वहीं इस बारे में आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ राहुल राव ने बताया कि योजना के तहत दी जाने वाली राशि का मामला सरकार में ध्यान में लाया है। सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए धनराशि जारी कर दी है जोकि जल्द मिल जाएगी।

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