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शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने नए साल के पहले ही दिन सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए बड़ा तोहफा दिया है। राज्य सरकार ने वेतन और पेंशन का भुगतान एक साथ करने का निर्णय लिया है। इस बार सरकार ने नव वर्ष के मौके पर कर्मचारियों और पेंशनरों को एक साथ भुगतान देने का फैसला लिया है, जो 1 जनवरी, बुधवार को किया जाएगा।
वेतन और पेंशन का भुगतान एक साथ
इससे पहले राज्य सरकार ने भारत सरकार से ट्रांसफर होने वाले राज्य के हिस्से के पैसे के शेड्यूल के अनुसार वेतन और पेंशन के भुगतान की प्रक्रिया बनाई थी। इसके तहत वेतन पहले और पेंशन बाद में देने की योजना बनाई गई थी। हालांकि, नव वर्ष के मौके पर सुक्खू सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों को एक साथ भुगतान करने का फैसला लिया है।
500 करोड़ का एडवांस लोन लिया
बता दें कि सुक्खू सरकार ने इस भुगतान के लिए विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान 500 करोड़ रुपये का एडवांस लोन लिया था। यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि दिसंबर तक की लोन लिमिट पूरी हो चुकी थी और जनवरी में भारत सरकार से लोन लिमिट के बारे में जानकारी मिलनी थी। एडवांस लोन के जरिए सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों के भुगतान की प्रक्रिया को समय पर पूरा किया है।
बदलाव की संभावना
हालांकि, पहली तारीख को होने वाले इस भुगतान के बावजूद आगामी महीनों में भुगतान का शेड्यूल बदल सकता है। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने वित्त विभाग से इस मामले में फाइल पर कार्यवाही करने को कहा है। इसके बाद भारत सरकार से ट्रांसफर होने वाले पैसे के हिसाब से वेतन और पेंशन के भुगतान का शेड्यूल फिर से तैयार किया जाएगा।
लोन लिमिट में बदलाव के कारण कोई दिक्कत नहीं
राज्य सरकार को इस बार भुगतान में कोई परेशानी नहीं होगी, क्योंकि जनवरी में अंतिम तिमाही के लोन लिमिट को कन्वे कर दिया जाएगा। इसके बाद अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्तीय वर्ष में दिसंबर तक की लोन लिमिट एडवांस में मिल जाएगी। इससे अगले कुछ महीनों तक राज्य सरकार को भुगतान में कोई कठिनाई नहीं होगी।
आने वाली वित्तीय चुनौती
बता दें कि सुक्खू सरकार के लिए अगले साल की सबसे बड़ी चुनौती रिवेन्यू डेफिसिट ग्रांट में हो रही कटौती होगी, जो करीब 52 फीसदी तक घटने का अनुमान है। इस कटौती को लेकर राज्य सरकार के लिए वित्तीय संकट उत्पन्न हो सकता है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू इस पर लगातार विभागीय समीक्षा बैठकों में चर्चा कर रहे हैं और नए निर्देश जारी कर रहे हैं। इन निर्देशों का असर अगले बजट में दिख सकता है, जिसमें राज्य सरकार को रिवेन्यू डेफिसिट के मुद्दे को संबोधित करना होगा।