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शिमला जिले में ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए पुलिस विभाग 15 से 30 सितंबर तक विशेष अभियान चलाएगा। इसमें प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसमें पुलिस गाड़ी का चालान काटने के साथ गाड़ी जब्त तक कर सकती है। 24 अगस्त को प्रदेश सचिवालय में आयोजित राज्य परिवहन विकास एवं सड़क सुरक्षा परिषद की चौथी में बैठक में इसको लेकर निर्णय लिया है। इसमें चिंता जाहिर की गई कि ध्वनि प्रदूषण के कारण शहर सहित प्रदेशभर के लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इसको देखते हुए इस संदर्भ में कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है।
बैठक में बनी सहमति के बाद यातायात, पर्यटक और रेलवे विभाग हिमाचल प्रदेश की ओर से सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को विशेष अभियान चलाने के लिए निर्देश जारी किए हैं। शहर में वाहनों की भारी संख्या के साथ ही वाहनों के कारण ध्वनि प्रदूषण में भी बढ़ोतरी हुई है। कई बार देखा गया है कि लोग ट्रैफिक जाम लगने पर बेवजह हॉर्न का इस्तेमाल करते हैं। मोटर वाहन अधिनियम 1998 और केंद्रीय मोटर वाहन नियम के अनुसार बहु स्वर तथा कर्कश ध्वनि वाले हॉर्न का उपयोग प्रतिबंधित है। प्रेशर हॉर्न के इस्तेमाल पर जुर्माने के साथ ही वाहन जब्त किया जा सकता है।
यह हैं शांत क्षेत्रों में शामिल
लॉरेटो कान्वेंट स्कूल ताराहॉल, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (कन्या) लक्कड़बाजार, ऑकलैंड हाउस स्कूल, ऑकलैंड हाउस स्कूल, आरकेएमवी, राजकीय महाविद्यालय संजौली, तिब्बतियन स्कूल छोटा शिमला, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुसम्पटी, शिमला पब्लिक स्कूल खलीनी, राजकीय विद्यालय टुटीकंडी, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बालूगंज, एचपीयू शिमला, सेंट एडवर्ड स्कूल, सेंट बीड्ज कॉलेज, इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला, कमला नेहरू अस्पताल शिमला, दीन दयाल उपाध्याय शिमला, सेनेटोरियम अस्पताल चौड़ा मैदान, आयुर्वेदिक अस्पताल छोटा शिमला, हिमाचल प्रदेश सचिवालय, राजभवन, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय शिमला और हिमाचल प्रदेश विधानसभा शिमला का शांत क्षेत्र (साइलेंस जोन) शामिल हैं।
90 डीबी तक होना चाहिए ध्वनि स्तर
भारतीय मानक ब्यूरो के निर्धारित मानकों के अनुसार वाहन के प्रकार के आधार ध्वनि स्तर करीब 80-90 डीबी होना चाहिए। शहर की बात करें तो लोगों की सुविधा को मद्देनजर रखते हुए पहले ही 24 क्षेत्रों को शांत क्षेत्र घोषित किया है। इन क्षेत्रों में हॉर्न के इस्तेमाल पर पाबंदी है। इसमें अस्पताल और शैक्षणिक संस्थानों के अलावा न्यायालय क्षेत्र शामिल हैं। एएसपी टीटीआर नरवीर ठाकुर ने बताया कि सड़क सुरक्षा परिषद की चौथी में बैठक में बनी सहमति के बाद जिला सहित प्रदेशभर के पुलिस अधीक्षकों को प्रेशर हॉर्न को लेकर विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।