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शिमला। हिमाचल प्रदेश की सरकार ने विभिन्न विभागों की लगभग 70 योजनाओं के टेंडर रद्द कर दिए हैं। यह कदम मुख्य रूप से निविदा की राशि का सही आकलन न कर पाने और दस्तावेजों की कमी के चलते उठाया गया है। राज्य सरकार की सख्ती का यह निर्णय कई मामलों में उन टेंडरों के लिए भी लागू हुआ है, जहां अकेले बोलीदाता ने हिस्सा लिया। बता दें कि सरकार अब टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता और उचित प्रबंधन को प्राथमिकता दे रही है।
फिजूलखर्ची से बचना चाहती है सरकार
सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, सभी प्रशासनिक सचिवों ने विभागाध्यक्षों को स्पष्ट संदेश दिया है कि विभिन्न योजनाओं के टेंडर लगाते समय फिजूलखर्ची से बचा जाए और टेंडरों में अच्छी स्पर्धा को बढ़ावा दिया जाए। इस दिशा में उठाए गए कदमों के तहत, कई टेंडर दस्तावेजों में अनियमितताएं और अधूरा पाए जाने पर रद्द किए गए हैं। यह सरकार के लिए एक चुनौती है, क्योंकि वित्तीय प्रबंधन के लिए सही प्रक्रियाओं का पालन आवश्यक है।
रद्द किए गए टेंडरों की सूची
बस स्टैंड से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जुब्बल के लिए रास्ता
जिला बिलासपुर, तहसील सदर: सोलग जुरासी से धार टटोह के लिए लिफ्ट इरिगेशन वाटर सप्लाई स्कीम
ज्वालामुखी: विभिन्न खड्डों में वर्षा जल संग्रहण ढांचे का निर्माण
तहसील घुमारवीं: नए स्रोत मनी खड्ड से जलापूर्ति योजना (मालयोर)
देवनगर से मूलबारी सड़क के लिए लिंक रोड में मेटलिंग और टारिंग
पॉलिटेक्निक कॉलेज हमीरपुर: मेकेनिकल इंजीनियरिंग ब्लॉक का निर्माण
राजकीय डिग्री कॉलेज सलूणी: बैडमिंटन और वॉलीबाल कोर्ट का निर्माण
सुमन फाइलिंग स्टेशन रामपुर: इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन का निर्माण
धर्मशाला: सिद्धपुर मोहाली फेज-2 में हाउसिंग कॉलोनी का निर्माण
ज्वाली: कम्युनिटी हेल्थ सेंटर का निर्माण
देहरा: न्यायिक कोर्ट परिसर का निर्माण
भावानगर: गानवी खड्ड से सिल्ट हटाना
नादौन के रैल: पीएचसी का निर्माण
टांडा कॉलेज: न्यूरो सर्जरी के लिए उपकरण खरीद
नूरपुर: सामुदायिक भवन का निर्माण
सैनिक स्कूल सुजानपुर टीहरा: हॉस्टल का निर्माण
सुधार की दिशा में कदम
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि रद्द किए गए टेंडरों को औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद दोबारा लगाया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि भविष्य में टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे और सरकारी खर्चों में कमी आए। यह कदम न केवल राज्य के वित्तीय प्रबंधन को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि विकास कार्य समय पर और सही तरीके से पूर्ण हो सकें।