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Mallikarjun Kharge On Nirmala Sitharaman Case: चुनावी बॉन्ड मामले को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और बीजेपी नेताओं के खिलाफ बेंगलुरु में शनिवार (28 सितंबर) को एफआईआर दर्ज की गई. मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को संसद में उठाया था.
उन्होंने कहा, “हमने संसद में मुद्दा उठाया था कि उन्होंने ईडी, सीबीआई के जरिए लोगों को डरा-धमकाकर चुनावी बॉन्ड लिए. अब किसी ने इस मुद्दे को अदालत में ले लिया है. हम देखेंगे कि क्या होता है.” जन प्रतिनिधियों के लिए स्पेशल कोर्ट के 42 अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी (एसीएमएम) के निर्देश के बाद एफआईआर (संख्या 0224/2024) दर्ज की गई है.
अदालत में किसने दायर की याचिका?
जनाधिकार संघर्ष परिषद (जेएसपी) के सह-अध्यक्ष आदर्श आर अय्यर की ओर से अदालत में दायर एक निजी शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई थी. अदालत ने बीते दिन शुक्रवार (27 सितंबर) को थिलकनगर थाने के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. महालक्ष्मी लेआउट निवासी अय्यर ने निर्मला सीतारमण और अन्य के खिलाफ चुनावी बॉन्ड के जरिए जबरन वसूली करने का मामला दर्ज कराया है.
क्या लगाया आरोप
अय्यर ने अपनी शिकायत में कहा है कि आरोपियों ने चुनावी बॉन्ड की आड़ में जबरन वसूली की है और 8000 करोड़ रुपये से अधिक भारतीय रुपये का लाभ उठाया है. शिकायत में आगे कहा गया है कि जबरन वसूली की कार्यप्रणाली यह थी कि निर्मला सीतारमण ने कई कॉरपोरेट्स, उनके सीईओ, एमडी आदि के यहां छापे, जब्ती और गिरफ्तारी के लिए ईडी का इस्तेमाल किया.
ईडी के छापों के डर से कई कॉरपोरेट और धनकुबेरों को कई करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदने के लिए मजबूर किया गया. उन्होंने आगे आरोप लगाया है कि चुनावी बॉन्ड की आड़ में पूरा जबरन वसूली का धंधा कई स्तरों पर बीजेपी के अधिकारियों की मिलीभगत से चलाया जा रहा है.
पुलिस ने इन धाराओं के तहत दर्ज की एफआईआर
पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 384 (जबरन वसूली के लिए दंड) और 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) को धारा 34 (सामान्य इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य) के साथ जोड़ा है. एफआईआर में नामजद अन्य लोगों में पूर्व प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष नलीन कुमार कटील, बीजेपी के राष्ट्रीय और राज्य स्तर के पदाधिकारी और अन्य शामिल हैं. एफआईआर में निर्मला सीतारमण को आरोपी नंबर वन बनाया गया है, जबकि कटील आरोपी नंबर पांच और विजयेंद्र आरोपी नंबर छह हैं.