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शिमला। हिमाचल में जयराम सरकार के समय गरीब लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा के लिए शुरू की गई हिमकेयर योजना पर एक बार फिर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। हिमाचल की सुक्खू सरकार हिमकेयर योजना पर जल्द ही बड़ा फैसला लेने वाली है। इसका बड़ा कारण स्वास्थ्य विभाग को इस योजना में कई बड़ी खामियां मिलना बताया जा रहा है। बताया जा रहा है इस फ्री इलाज के चक्कर में इस योजना का दुरुपयोग किया जा रहा है। जिसका खुलासा स्वास्थ्य विभाग के ऑडिट में हुआ है।
बकाया भुगतान के ऑडिट में पाई गई खामियां: दरअसल हिमाचल में इस समय 31 लाख 29 हजार हिमकेयर कार्ड बने हैं। हिमकेयर से हुए इलाज का 364 करोड़ का भुगतान अभी बकाया है। जब स्वास्थ्य विभाग ने इस बकाया भुगतान का ऑडिट किया तो इसमें बहुत सारी खामियां पाई गई हैं। जिसके बारे में सरकार को अवगत करवा दिया गया है। यह जानकारी स्वास्थ्य सचिव एम सुधा देवी ने दी है।
मेडिकल रि-इबर्समेंट लेने वाले कर्मी भी करवा रहे हिमकेयर से इलाज: एम सुधा देवी ने बताया कि आईजीएमसी में ऑडिट करवाया गया था। जिसमें खामियां पाई गई। ऑडिट में पता चला कि जिन सरकारी कर्मचारियों को मेडिकल रि इबर्समेंट की सुविधा मिलती है, वह भी हिमकेयर का लाभ ले रहे हैं। इसी तरह से फ्री डायग्नोस्टिक सेवाओं के कारण भी इस योजना का दुरुपयोग किया गया है। कई निजी अस्पतालों में सिलेक्टिव सर्जरी के मामले भी सामने आए हैं।
सुक्खू सरकार लेगी हिमकेयर योजना पर फैसला: एम सुधा देवी ने बताया कि इन खामियों के आधार पर ही मुख्यमंत्री के लिए एक प्रजेंटेशन तैयार करवाई गई है। इस प्रजेंटेशन को देखने के बाद मामला कैबिनेट में रखा जाएगा और उसके बाद ही सरकार इस हिमकेयर योजना को लेकर आगामी फैसला लेगी। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि इस योजना को शुरू करने का उद्देश्य गरीब लोगांे को कैशलेस इलाज की सुविधा देना था।
प्रदेश में 141 स्वास्थ्य संस्थानों में मिल रहा इलाज: इस योजना के तहत इलाज करवाए जाने के बाद भुगतान ना होने से कई निजी अस्पतालों ने अब हिमकेयर कार्ड लेना बंद कर दिए हैं। वहीं मेडिकल कॉलेजों ने भी हिमकेयर से इलाज बंद कर दिया था, लेकिन अभी अप्रैल माह में सरकार द्वारा 100 करोड़ की धनराशि जारी करने के बाद एक बार फिर इंपैनल किए गए निजी अस्पतालों में हिमकेयर से इलाज की सुविधा मिलनी शुरू हो गई है।
हिमाचल के 141 स्वास्थ्य संस्थानों में इस समय हिमकेयर से इलाज की सुविधा मिल रही है। जिसमें पीजीआई चंडीगढ़ और सेक्टर 32 का अस्पताल भी शामिल है।