बिलासपुर : अली खड्ड बचाने के लिए किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी, सुख की सरकार बैठी है मौन

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बिलासपुर, 04 फरवरी: जिला बिलासपुर वो सोलन की विभाजन सीमा रेखा पर स्थित ग्राम पंचायत शिकरोहा व छकोह में अली खड्ड त्रिवेणीघाट पर एक निजी कंपनी द्वारा भारी भरकम पानी की उठाऊ योजना का मामला तुल पकड़ ताजा रहा है, निजी कंपनी प्रबंधन द्वारा अली खड्ड से पानी उठाने के खिलाफ धरना प्रदर्शन करते हुए आज 11वें दिन में प्रवेश कर गया है,

प्रभावित पंचायतों के प्रतिनिधियों और अली खड्ड बचाओ संघर्ष समिति का तर्क है कि इस स्थान पर से भारी भरकम पानी को उठाना करीब 50 पंचायतों की जनता को सीधा हानि पहुंचाना है, क्योंकि इस अलीखड्ड पर करीब 35 पेयजल एवम सिंचाई योजनाए कार्यरत है, इसके अलावा घागस के साथ देऊली में एशिया का विश्व विख्यात मत्स्य प्रजनन केंद्र भी इस पानी को उठाने के बाद प्रभावित होगा, वहीं दूसरी ओर आदिकाल से चले आ रहे परंपरागत घराट जल स्तर कम होने से बंद हो जाएंगे साथ  कृषि योग्य भूमि बंजर हो जाएगी,

क्योंकि कुहलों के माध्यम से अली खड्ड के दोनों ओर हजारों बीघा जमीन को सिंचाई होती है, जो इस पानी को उठाने के बाद  हजारों लोगों की रोजी-रोटी छिन जाएगी, संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट रजनीश शर्मा ने बताया कि इस मामले के संदर्भ में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से ऊना में प्रतिनिधि मंडल मिला था प्रतिनिधि मंडल ने उपमुख्यमंत्री को अवगत कराया था तथा उन्होंने प्रभावित पंचायत के प्रतिनिधियों व संघर्ष समिति से विस्तृत रूप से समस्याएं जानने के बाद उन्होने दोनों जिलों के जल शक्ति विभाग उच्च अधिकारियों को शामिल कर कमेटी गठित की थी, जो की प्रभावित पंचायत के लोगों की ऑब्जेक्शन के मुताबिक पानी के स्तर तथा पानी की उपलब्धता पर रिपोर्ट सरकार को देगी, लेकिन आश्वासन सिर्फ आश्वासन तक ही सीमित रहा, धरातल पर कोई भी आवश्यक कदम विभागीय अधिकारियों ने नहीं उठाए हैं, लेकिन अचानक भारी बारिश होने की वजह से मटका पानी का स्तर बढ़ गया है जिसमें अब वह रिपोर्ट सिर्फ तभी बनाई जा सकती है जब पानी का स्तर कम हो या इसके लिए मई और जून का महीना उपयुक्त होता है,
 
जिसके चलते भारी रोष ग्रामीणों व क्षेत्र के लोगों में व्यापक है, अली खड्ड बचाओ संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह स्कूल से तुरंत इस जन समस्या के समाधान हेतु निजी कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई जा रही इस योजना को जनहित में रद्द कर समाधान करने की गुजारिश की है, क्योंकि सीमेंट कंपनी ने पहले ही प्रकृति और पर्यावरण के संसाधनों की बड़े स्तर पर लूट की है और अब इस पानी के सूख जाने के बाद लोगों की खेती को बर्बाद करने के लिए बनाई गई इस योजना से हजारों लोग बर्बाद हो जाएंगे, 

संघर्ष कमेटी का प्रतिनिधिमंडल आज कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर से सुईं सुरहाड में कार्यक्रम में मिला, प्रभावित पंचायत के लोगों व सूई सुरहाड के लोगों ने भी एक मत से कहा कि उनका पानी भी अली खड्ड से ही आता है जोकि भविष्य में सूख जाएगा, प्रतिनिधि मंडल को रामलाल ठाकुर ने अस्वस्थ किया और भरोसा दिलाया कि इस मामले को वह पहले भी सरकार के समक्ष रख चुके हैं और अभी भी इस संदर्भ में क्षेत्र की जनता की आवाज सरकार तक पहुंच चुके हैं उन्हें क्षेत्र के लोगों की चिंता है और किसी भी सूरत में लोगों के हक हकूक के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा, 

सभी प्रभावित पंचायतों पंजैल, नम्होेल, साई खरसी, सुई सुरहाड, जुखाला, रानीकोटला, स्याउला, देयोथ, निहारख़न, कोटला, सोलधा, पोली, सायर ढोभा, धार टटोह, पंजगाई, बागी बिनौला, कंदरौर, चांदपुर इत्यादि  के जनप्रतिनिधियों ने एकजुट होकर जल शक्ति विभाग और सरकार को चेताया कि जायज मांगे नहीं मानी गई तो प्रभावित लगभग 50 पंचायतो के किसानों का संघर्ष उग्र रूप धारण कर लेगा जिसके प्रति निजी कंपनी प्रबंधन और सरकार जिम्मेदार होंगे।

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