हिमाचल: कृषि मंत्री का ऐलान - पशुपालकों के लिए पॉलिसी लाएगी सरकार - हर महीने मिलेंगे 700 रुपए

News Updates Network
0
Himachal: Agriculture Minister's announcement - Government will bring a policy for cattle herders - Rs 700 will be given every month.
चंद्र कुमार, कृषि मंत्री - हिमाचल प्रदेश 

न्यूज अपडेट्स 
धर्मशाला, 22 दिसंबर : विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने प्रदेश के पशुपालकों के लिए बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि सड़कों पर आवारा घूम रहे पशुओं से निजात पाने के लिए प्रदेश सरकार नई पॉलिसी लेकर आ रही है जिसके तहत पशुपालकों को अब पशुओं को पालने के लिए 700 रूपये दिया जायेंगें। इससे पहले यह राशि गौसदनों को दी जा रही थी, इससे यह लाभ होगा कि पशुओं की देखभाल भी उचित तरीके से होगी और लोग पशुओं को आवारा भी नहीं छोड़ेंगे। जिससे सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं की संख्या में की समस्या से निजात मिलेगी। 

कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार फतेहपुर के विधायक भवानी पठानिया के संकल्प पर बोल रहे थे। उन्होंने सवाल किया था कि आवारा पशुओं को छोड़ने वालों के खिलाफ कोई सजा या जुर्माने का प्रावधान है। इस पर चौधरी चंद्र कुमार ने कहा कि पंचायती राज एक्ट के तहत आवारा पशु छोड़ने पर पशु मालिकों को जुर्माने का प्रावधान किया गया है। लेकिन मौजूदा सरकार वैज्ञानिकों से परामर्श के बाद आवारा पशुओं की समस्या से निजात पाने के लिए एक बड़ी पॉलिसी बनाने जा रही है इसी के तहत पशुपालकों को पशुपालन के पैसे मिलेंगे। इसके अलावा पशुओं के शरीर में चिप लगाई जाएगी क्योंकि देखने में यह आया है कि कुछ लोग कान में लगे टैग को काट देते हैं और पशु को छोड़ देते हैं। जिसमें पशु का नाम पशु के मालिक का नाम पशु की क्वालिटी पंचायत का नाम और गांव ब्लॉक का नाम अंकित होगा।

अगर कोई पशु को छोड़ेगा तो उसकी तुरंत पहचान हो जाएगी। इसके अलावा कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के लिए एक पोर्टल भी बनाया जाएगा। उस पोर्टल के जरिए दूध देने वाले पशुओं और दूसरे पशुओं का रिकॉर्ड मेंटेन किया जाएगा और इस रिकॉर्ड की साप्ताहिक मॉनिटरिंग भी की जाएगी ताकि यह पता चल सके की कितने पशु पहले थे और मौजूदा समय में कितने हैं। कृषि मंत्री ने टीकाकरण फैलियर और अन्य मसलों को लेकर भी जानकारी दी। 

उन्होंने कहा कि कई बार पशु औषधीय में डॉक्टर के बजाय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही टीकाकरण करते हैं। जिससे सही परिणाम नहीं आते हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टर ही टीकाकरण करें और उनकी कार्ड बनाकर लगातार मॉनिटरिंग की जाए तो पता लगाया जा सकता है कि टीकाकरण फेल्योर के क्या कारण है।

Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top