गर्मियों में कहीं आपको जकड़ न ले चिकन पॉक्‍स रखें बचाव - यह सावधानियां बरतें

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चिकन पॉक्स वेरीसेला जोस्टर नामक वायरस के कारण फैलता है। इस विषाणु के शिकार लोगों के पूरे शरीर में फुंसियों जैसी चक्तियां हो जाती हैं।

मौसम बदलने के साथ वायरल बीमारी का प्रकोप बढ़ जाता है। बीते कुछ दिनों में बिहार के पूर्णिया में चिकन पॉक्स के सात मरीज मिले हैं। प्रभावित मरीजों की उम्र 10 से 40 वर्ष तक है। चिकन पॉक्स अब जानलेवा बीमारी नहीं है लेकिन यह काफी पीड़दायक रोग है। एक बार होने पर इसका असर सात दिनों तक काफी तीव्र रहता है। अन्य लोगों के भी संक्रमित होने की आशंका रहती है। मरीज को आइसोलेशन में रखना चाहिए। इसका टीकाकरण बच्चों में होता है लेकिन कभी-कभी उसके बाद भी यह रोग होने की आशंका रहती है। साफ-सफाई के अभाव में इस बीमारी फैलने की आशंका रहती है। आपकी थोड़ी सी सावधानी इन बीमारियों से बचाव कर सकती है।

कैसे फैलता है चिकन पॉक्स
चेचक या चिकन पॉक्स वेरीसेला जोस्टर नामक वायरस के कारण फैलता है। इस विषाणु के शिकार लोगों के पूरे शरीर में फुंसियों जैसी चक्तियां हो जाती हैं। याद रखें कि हवा और खांसी के माध्यम से संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के शरीर तक पहुंच जाता है। बच्चों को विशेष रूप से चिकन पॉक्स के रोगी से दूर रखें। चिकन पॉक्स के रोगी घर से कम से कम निकलें। इससे एक परिवार का संक्रमण दूसरे परिवार तक पहुंचने से रुकेगा। रोगी के पास खूब सफाई रखें, जिससे संक्रमण बढ़ने न पाए।

चिकन पॉक्स के लक्षण

चेचक एक प्रकार का वायरल इंफेक्शन है जो पानी के माध्यम से फैलता है। यह एक छुआछूत वाली बीमारी है जो एक से दूसरे व्यक्ति को पकड़ती है। एक वायरल बीमारी है। अत्याधिक गर्मी में आंत में फोड़ा हो जाता है जो बाद में शरीर में दाने के रूप में उभर आता है। इस बीमारी के दौरान पूरे शरीर पर दाग-धब्बे हो जाते हैं और तेज बुखार, सिरदर्द और ड्राई कफ की समस्या रहती है। अगर ये नियंत्रित न हो तो दिमाग और लिवर तक इसका असर पहुंच जाएगा। इसके बाद दूसरी बीमारियां आपको अपनी गिरफ्त में लेने लगती हैं।

लक्षण :

इससे पूरे शरीर में फफोले पड़ जाते हैं। मरीज को बुखार उल्टी, कमजोरी आदि की भी शिकायत होती है। इससे पीड़ित व्यक्ति के शरीर में दर्द तो होता ही है साथ ही लाल दाने भी निकल आते हैं। उन दानों में पानी भर जाता है। इसके अलावा बुखार व सर्दी-जुकाम, सुस्ती भी रहती है।

संक्रमण से बचाएं


एक बार आपको ये लक्षण दिख जाएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। दूसरे लोगों को इससे सुरक्षित रखने का प्रयास भी करें। याद रखें कि हवा और खांसी के माध्यम से संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के शरीर तक पहुंच जाता है। बच्चों को विशेष रूप से चिकन पॉक्स के रोगी से दूर रखें। चिकन पॉक्स के रोगी घर से कम से कम निकलें। इससे एक परिवार का संक्रमण दूसरे परिवार तक पहुंचने से रुकेगा। रोगी के पास खूब सफाई रखें, जिससे संक्रमण बढ़ने न पाए।


उपचार : ऐसा होने पर मरीज झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़ें और तत्काल इसका इलाज किसी डाक्टर से कराएं। बच्चों के प्रति सावधानी बरतें और टीकाकरण अवश्य कराएं। लाल दाना और खुजली होने पर सल्फर, मर्कसाल, रसटक्स तथा सर्दी-जुखाम के साथ बुखार होने पर बेलाडोना, रसटक्स दें। चेचक की रोकथाम के लिए मोरीबिलियम या वेरीओलीयम 1000 की खुराक देनी चाहिए।

गर्भावस्था में रखें ख्याल

गर्भावस्था के समय महिला को चिकन पॉक्स होने पर नवजात शिशु में संक्रमण का खतरा 70 प्रतिशत बढ़ जाता है। कमजोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को भी यह वायरस आसानी से शिकार बना लेता है, इसलिए गर्भ ठहरने के 14 हफ्ते के बाद दी गई पावर बूस्टर डोज को वैरिसैला वायरस के बचाव के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

इन आहारों से करें परहेज

चिकन पॉक्स के मरीजो को फैट फूड मीट और डेयरी प्रोडक्ट्स और अंडे खाने से बचना चाहिए। चिकनपॉक्स के दौरान सिट्रस फूड यानी खट्टे फलों को और उनका जूस पीने से भी बचना चाहिए, साथ ही बहुत अधिक नमक और नमकयुक्त फूड, मसालेदार फूड चॉकलेट, पीनट बटर, मुंगफली जैसी चीजें भी ना खाएं। रोसेस्ड फूड और जंकफूड के साथ ही तले हुए फूड भी ना खाएं।

खाने में शामिल करे इन्हें

चिकन पॉ़क्स के मरीजों को खाने में पानी से भरपूर खाने को शामिल करना चाहिए जैस गाजर का ताजा जूस, तरबूज, किवी, नाशपती आदि फल। योगर्ट या दही, आइसटी और ठंडा पानी जैसी चीजें लेने से आराम मिलेगा। चिकनपॉक्स के शुरू के तीन दिन दही और चावल ही खिलाना चाहिए।

क्या बरतें सावधानी : इस दौरान मरीज को पानी उबाल कर पीना चाहिए तथा तेल, मसाला से पूरी तरह परहेज करना चाहिए। लोग पानी उबाल कर पियें और तली-भुनी चीजों का कम से कम प्रयोग करें।

नीम से नहलायें

चिकन पॉक्स के दौरान शुरूआत में नहाना नजरअंदाज करें लेकिन तीसरे दिन के बाद पानी की बाल्टी में दो से तीन घंटे नीम की पत्तियां डाल लें। चाहे तो एक घंटे के लिए इस पानी को धूप में भी रख सकते हैं. नहाने के बाद पूरे बदन पर हल्दी या नीम का पेस्ट लगाए।

पानी का करें भरपूर उपयोग

चेचक के मामले में महिलाएं विशेष सावधानी बरतें। धूप में कपड़ों को सुखाएं तथा हवादार स्थान पर रहने की कोशिश करें। इसके साथ ही नींबू, नारियल व दाल के पानी का भरपूर उपयोग करें। दवाओं का उपयोग कम करें तथा एंटी बायोटिक से परहेज करें।


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