शिमला, 5 अप्रैल - मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में प्रदेश सचिवालय में हुई हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया कि हिमाचल प्रदेश में अनाथ बच्चे चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट कहलाएंगे। विधानसभा में इस संबंध में हिमाचल प्रदेश सुखाश्रय विधेयक-2023 पेश किया जाएगा और सदन में इसे पारित करने का प्रस्ताव किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के सभी प्रावधान को एक्ट बनाकर लागू किया जाएगा। इसके तहत अनाथ बच्चों की प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन, आश्रम में उनकी देखरेख, उनकी विवाह को दो लाख, पॉकेट-मनी, घूमने-फिरने का खर्च, फेस्टिवल पर वित्तीय मदद, लैंड-लेस को मकान के लिए जमीन इत्यादि देने के सभी प्रावधान एक्ट के दायरे में लाए जाएंगे।
मंत्रिमंडल की बैठक में हिमाचल के बिजली प्रोजेक्टों पर जल उपकर के नियमों को लेकर चर्चा की गई। प्रदेश में स्थापित छोटे बिजली प्रोजेक्टों को जल उपकर में छूट देने के मामले पर विस्तार से चर्चा की गई। विभाग के सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने सभी बिजली प्रोजेक्टों पर जल उपकर लगाने की सिफारिश की है लेकिन इस उपकर से छोटे बिजली प्रोजक्टों को छूट देने पर विचार किया है। यानी सरकार इस संबंध में नियमों को अंतिम रूप देने से पहले छोटे बिजली प्रोजेक्टों को उपकर में राहत दे सकती है।
मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश के मंदिरों से होने वाली आय का कुछ हिस्सा गौ सदनों में रह रहे गोवंश के चारे आदि पर खर्च किया जा जाएगा। गोशालाएं हिमाचल प्रदेश गोवंश आयोग से पंजीकरण करा सकेंगे। पंजीकृत गोशालाओं को आयोग की ओर से वित्तीय मदद भी मिलेगी।
मंत्रिमंडल ने सरकारी के साथ निजी क्षेत्र की गोशालाओं पर भी नियमों को सख्ती से लागू करने का फैसला लिया है, ताकि मनमानी रोकी जा सके। मंत्रिमंडल की बैठक में कोरोना को लेकर भी प्रेजेंटेशन दी गई, लेकिन बंदिशों को लेकर सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया। हालांकि प्रदेश में कोरोना के लगभग 1493 एक्टिव केस हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक अगली कैबिनेट में सरकार बंदिशे लगाने को लेकर विचार कर सकती है। मंत्रिमंडल की बैठक में नादौन में हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम का डिपो खोलने को मंजूरी प्रदान की है।