हिमाचल प्रदेश में पिछले 38 दिन से चल रहे सीमेंट विवाद पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के साथ शुक्रवार को हुई बैठक में भी बात नहीं बनी है। (Meeting of truck operators with Industry Minister Harshvardhan Chauhan) ट्रक ऑपरेटरों के प्रतिनिधियों ने दो टूक सीमेंट ढुलाई के लिए तय रेट को लेकर तैयार की गई हिमकॉन (एजेंसी) की रिपोर्ट सार्वजनिक करने के लिए कह दिया है। साथ ही यह एलान भी कर दिया है कि अगर हमारे और उच्च स्तरीय कमेटी के फार्मूले से कम रेट हुए तो ऑपरेटरों का आंदोलन जारी रहेगा। बात नहीं बनी तो एक हफ्ते बाद राज्य भर के ट्रक मालिकों को एकजुट करके धरना-प्रदर्शन की चेतावनी प्रदेश सरकार को दे दी है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पिछले दिनों सीमेंट विवाद सुलझाने का दायित्व उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान को सौंपा है। मंत्री ने शुक्रवार को दाड़लाघाट ट्रक यूनियनों के 15 और सीमेंट प्लांट के 7 प्रतिनिधियों के साथ राज्य सचिवालय में दोपहर बाद 3 :00 बजे से 5:30 बजे तक बैठक की। इस बैठक में पूछा गया कि क्या दोनों पक्ष हिमकॉन की रिपोर्ट के आधार पर सीमेंट ढुलाई के रेट पर सहमत रहेंगे। इस पर कंपनी के प्रतिनिधियों ने कहा कि उनको अपने उच्च अधिकारियों से बात करनी होगी।
बैठक के बाद ट्रक यूनियन के संयुक्त मंच के सदस्य रामकृष्ण शर्मा ने कहा कि रेट को लेकर सरकार अधिसूचना जारी करे। इससे पहले उच्च स्तरीय कमेटी और सब कमेटी के साथ पांच दौर की बैठकें हो चुकी हैं। इनमें भी दोनों पक्षों में कोई समझौैता नहीं हो पाया और अब उद्योग मंत्री यह विवाद सुलझाएंगे। एसडीटीओ के उपाध्यक्ष नरेश गुप्ता कहते हैं कि हिमकॉन (एजेंसी) के फार्मूले पर रिपोर्ट तैयार की है। हिमकॉन को यह भी रिपोर्ट में शामिल करना चाहिए कि प्लांट में सीमेंट उत्पादन का कुल खर्च कितना होता है। बताते हैं कि एक सीमेंट बैग के उत्पादन पर 200 रुपये खर्च आता है। कंपनी के लाभ को भी देखा जाए।
ट्रक ऑपरेटरों ने निकाली रोष रैली, दो घंटे किया प्रदर्शन
वहीं, दाड़लाघाट में मालभाड़े की दरों को लेकर ट्रक ऑपरेटरों और अंबुजा सीमेंट कंपनी का विवाद जारी है। शुक्रवार को भी दाड़लाघाट में ट्रक ऑपरेटरों ने धरना-प्रदर्शन किया। उन्होंने अंबुजा गेट से लेकर बस अड्डे और स्यार होते हुए वापस अंबुजा गेट तक रोष रैली निकाली। इससे कुछ देर तक बाजार में रुक-रुक कर जाम भी लगता रहा। अंबुजा गेट पर दो घंटे तक प्रदर्शन किया गया। इस दौरान अदाणी समूह के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई।
केंद्र और प्रदेश सरकार से मामले में हस्तक्षेप कर जल्द इसे सुलझाने की भी मांग उठाई गई। मांगल लैंड लूजर्स एंड इफेक्टिड सोसायटी के सचिव हंसराज चौहान ने कहा कि सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर दिखाई नहीं दे रही है। बीते काफी समय से ऑपरेटर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, मगर सहमति नहीं बन रही है। कहा कि अंबुजा प्रबंधक इसी तरह का अड़ियल रवैया अपनाता रहेगा तो जल्द ऑपरेटर आंदोलन उग्र करेंगे। इसमें महापंचायत और चक्का जाम होगा।