हिमाचल: ड्रोन की मदद से तुरंत पकड़े जाएंगे अवैध पेड़ कटान के मामले

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Himachal Cases of illegal tree felling will be caught immediately with the help of drones
ड्रोन क्रांति : फोटो : न्यूज अपडेट मीडिया 

हिमाचल प्रदेश में अवैध वन कटान और वन क्षेत्र विस्तार पर अब वन विभाग ड्रोन की मदद से नजर रखेगा। वनों की निगरानी और सर्वे के लिए विभाग दो नए ड्रोन खरीदने जा रहा है। ड्रोन की मदद से ली जाने वाली तस्वीरों का आंकलन कर वनों की स्थिति का सटीक आंकलन हो सकेगा।चोरी-छिपे वनों में होने वाले पेड़ कटान के लिए अब वन विभाग सिर्फ फील्ड स्टाफ पर ही निर्भर नहीं रहेगा। 

ड्रोन की मदद से वनों की निगरानी की जाएगी। ड्रोन कैमरे की मदद से वन बीट की तस्वीरें ली जाएंगी। नियमित अंतराल पर इन तस्वीरों का तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा। तस्वीरों के माध्यम से वनों का घनत्व जांचा जाएगा। ड्रोन कैमरा वनों में पेड़ों के ठूंठ तक तलाशने में कारगर साबित हो सकता है।

इसके अतिरिक्त वनों में किए जाने वाले पौधरोपण पर भी ड्रोन से नजर रखी जाएगी। किस क्षेत्र में कितने पौधे लगाए गए। कितने पौधे कामयाब हुए और कितने सूख गए। पौधों का विकास किस रफ्तार से हो रहा है, सभी पहलुओं पर नजर रखने के लिए ड्रोन की मदद ली जाएगी। जंगल की आग की घटनाओं पर नजर रखने के लिए भी ड्रोन का उपयोग कारगर साबित होगा। ड्रोन की मदद से जंगल में आग लगने के कारणों का सही पता चल सकेगा। जापान इंटरनेशनल बैंक की ओर से प्रायोजित जायका प्रोजेक्ट के तहत वन क्षेत्र के संरक्षण और उसके विस्तारीकरण के लिए भी ड्रोन तकनीक का व्यापक प्रयोग किया जा चुका है।


ड्रोन से होगी वनों की निगरानी : अजय

वन विभाग वनों की निगरानी और सर्वे के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करेगा। अवैध वन कटान पकड़ने में ड्रोन से बड़ी मदद मिल सकती है। वन क्षेत्र के विस्तार पर नजर रखने के लिए भी ड्रोन तकनीक इस्तेमाल की जाएगी। जायका प्रोजेक्ट में भी ड्रोन तकनीक इस्तेमाल की गई है। - अजय श्रीवास्तव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, हिमाचल प्रदेश

स्वामित्व योजना के लिए किया जा चुका है ड्रोन सर्वे
आबादी देह क्षेत्रों में लोगों को मालिकाना हक प्रदान करने के लिए पायलट आधार पर शुरू की गई स्वामित्व योजना के कार्यान्वयन के लिए ड्रोन के जरिये सर्वे किया जा चुका है। जिला स्तर पर राजस्व अभिलेख तैयार करने के लिए आबादी देह गांवों में भारतीय सर्वेक्षण विभाग की मदद से ड्रोन से व्यापक सर्वे किया गया है। ड्रोन की उड़ान से आबादी देह गांव का डिजिटल मानचित्र तैयार किया गया था। दावा है कि ड्रोन की मदद से प्राप्त मानचित्र उपग्रह से प्राप्त मानचित्रों से बेहतर और सटीक होता है।

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