युवक मंडल के उप प्रधान मोहित कुमार ने बताया कि लोकतंत्र में अब प्रायः सारी राजनीतिक गतिविधियां वोटों के गणित पर ही आधारित होकर संचालित होने लगी हैं। लोकहित की बात पीछे छूट गई है। अब अक्सर चतुर-चालाक राजनीतिज्ञ जनता का मत चुनाव के अवसर पर पाने के लिए अनेक प्रकार के सब्जबाग दिखाया करते हैं। जनता को तरह-तरह के आश्वासन और झांसे भी दिया करते हैं। अब यह मतदाता पर निर्भर करता है कि वह उनके सफेद झांसे में आता है कि नहीं, इसे इस परम्परा की एक सीमा भी कहा जा सकता है। फिर भी निश्चय ही आज का मतदाता बड़ा ही जागरूक, सजग और सावधान है।
वह लोकतंत्र और चुनाव दोनों का अर्थ और महत्त्व भली प्रकार समझता है। अतः चुनाव के अवसर पर वह सही व्यक्ति को वोट देकर लोकतंत्र की रक्षा तो कर ही सकता है। उसके जनहित में, विकास में भी सहायता पहुँचा सकता है।
अतः चुनाव के समय की घोषणाओं को ही उसे सामने नहीं रखना चाहिए, बल्कि नीर-क्षीर विवेक से काम लेकर उपयुक्त, ईमानदार और जनहित के लिए प्रतिबद्ध व्यक्ति के पक्ष में ही मतदान करना चाहिए तभी सच्चे अर्थों में वास्तविक लोकतंत्र की रक्षा सम्भव हो सकती है।