हिमाचल प्रदेश में पहली बार विधानसभा चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का वितरण कंप्यूटराइज्ड होगा। ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोपों से बचने के लिए चुनाव आयोग ने यह व्यवस्था की है। कंप्यूटर ही तय करेगा कि किस नंबर की ईवीएम किस जिले में भेजी जाएगी।
निर्वाचन अयोग पर नेता हारने के बाद अकसर आरोप लगाते रहे हैं कि ईवीएम से छेड़छाड़ की गई है। इसे ध्यान में रखकर निर्वाचन आयोग ईवीएम भेजने से पहले हर कदम फूंक-फूंककर रख रहा है। यही कारण है कि सभी ईवीएम के नंबर कंप्यूटर में फीड किए गए हैं।
दूसरे चरण में जिलों से जिला चुनाव अधिकारी यही प्रक्रिया अपनाकर अपने सभी विधानसभा क्षेत्रों में संबंधित नंबरों की ईवीएम मतदान के लिए भेजेंगे। जिलों से कंप्यूटर के जरिये विधानसभा क्षेत्र में ईवीएम भी रेंडमली चुनाव में इस्तेमाल को भेजी जाएंगी। निर्वाचन आयोग इस साल प्रदेश विधानसभा चुनाव में करीब 13,000 ईवीएम का इस्तेमाल करेगा। इससे अधिक मशीनें स्टैंड बाई रखी जाएंगी।
राज्य के मुख्य निर्वचन अधिकारी (सीईओ) मनीष गर्ग कहते हैं कि चुनाव के लिए कौन सी ईवीएम किस विधानसभा क्षेत्र में भेजी जानी है, यह कंप्यूटर ही तय करेगा। इस दौरान चुनाव अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।