ब्रेक फेल होने के कारण टेंपो ट्रैवलर गहरी खाई में जा गिरा था। यह खुलासा चालक अजय चौहान ने किया है। घायल चालक का उपचार चल रहा है। उन्होंने बताया कि तीखी ढलान वाली सड़क पर काफी देर तक गाड़ी चलने से ब्रेक पैड पर जोर पड़ा। इससे कुछ समय बाद गाड़ी के लेदर जलने की दुर्गंध आने लगी। कहा कि इसके बाद करीब 20 तक गाड़ी को रोककर ब्रेक लेदर ठंडा होने का इंतजार किया।
इस बीच, वहां से वाहनों में गुजर रहे कुछ स्थानीय लोगों ने टेंपो ट्रैवलर से रुकने का कारण भी पूछा। उन्होंने चालक को सलाह दी कि वह सड़क पर तीखी ढलान में गाड़ी को पहले गियर में ही चलाओ। इसके बाद गाड़ी स्टार्ट कर चालक आगे बढ़ा। कुछ दूर जाकर जैसे की क्लच दबाया तो ब्रेक नहीं लगी और यह खाई में जा गिरी। गौरतलब है कि बीते रविवार देर शाम को कुल्लू जिले के बंजार के घियागी में हाईवे-305 पर टेंपो ट्रैवलर के गहरी खाई में गिरने से सात पर्यटकों की मौत हो गई है, जबकि 10 घायल हो गए हैं।
हादसे का आभास होते ही हो गया था बेहोश : राहुल
हादसे में घायल राहुल गोस्वामी पुत्र विशन गोस्वामी हाउस नंबर 119/13 कुसवाल मुहल्ला मुल्तानी चौक हिसार, हरियाणा ने कहा कि वे सभी जलोड़ी से ट्रैवलर में वापस आ रहे थे। गाड़ी के खाई में गिरने का आभास होते ही वह कुछ समय के लिए बेहोश हो गए थे। जब आंख खुली तो गाड़ी खाई में थी। चारों तरफ खून से लथपथ साथी पड़े थे। उठने की कोशिश की, लेकिन कमर में चोट लगी थी। इस कारण नहीं उठ पाया। फिर एक मोबाइल में फ्लैश लाइट जलती देखी। जैसे-तैसे में इस मोबाइल तक पहुंचे और 100 नंबर पर पुलिस को सूचना दी। मदद के लिए स्थानीय लोग भी पहुंच गए थे।
हादसे के समय पकड़ लिया था दोस्त का हाथ : ऋषभ
एक अन्य घायल युवक ऋषभ पुत्र कृष्ण वल्लभ, निवासी डीएसयू कॉलोनी, नई दिल्ली ने कहा कि जैसे ही गाड़ी खाई में गिरी तो उन्होंने अपने दोस्त अभिनव का हाथ पकड़ लिया। इसके बाद अस्पताल में ही होश आया है। हादसा ब्रेक फेल होने के कारण हुआ है।
हादसे की सूचना मिलते ही खाली करवा दिया था अस्पताल का वार्ड
हादसे के बाद घायलों की चीख पुकार सुनकर सबसे पहले घटनास्थल पर सोझा और जलोड़ा गांव के युवक पहुंचे। इसके बाद जिभी वैली डेवलपमेंट टूरिज्म एसोसिएशन की टीम आई। सभी घायलों को बंजार अस्पताल लाया गया। हादसे की सूचना मिलते ही सीएमओ ने अस्पताल का एक वार्ड खाली करवा दिया था। डॉक्टर भी इमरजेंसी में बुला लिए गए थे। सभी पर्यटक अलग-अलग जगह से थे। इनमें एक डॉक्टर और एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर था। ट्रैवल एजेंसी के माध्यम से इकट्ठा हुए थे। सोमवार को पर्यटकों ने चैहणी कोठी और तीर्थन घाटी जाना था। इसी दिन शाम को दिल्ली लौटना था।