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हिमाचल: तबीयत बिगड़ने पर गुहार लगाती रही युवती नहीं रोकी बस, नादौन अड्डे पर छोड़ गए

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बस में बैठी लड़की को अचानक मासिक धर्म (पीरियड) आने पर चालक-परिचालक उसे बस अड्डे पर छोड़ गए। मामला हमीरपुर जिला के नादौन बस अड्डे पर पेश आया है। यहां से लड़की को टिकट बुकिंग काउंटर पर तैनात विपिन शर्मा ने दूसरी बस के माध्यम से गंतव्य की ओर रवाना किया। हिमाचल पथ परिवहन निगम की यह बस देहरादून-चंडीगढ़-बैजनाथ रूट पर थी। जानकारी के अनुसार कांगड़ा जिला के नगरोटा सूरियां क्षेत्र की एक लड़की ने सुबह 10:00 चंडीगढ़ से कांगड़ा के लिए बस ली थी।

बस में लड़की को कलोहा के पास अचानक मासिक धर्म आ गए। लड़की ने चालक-परिचालक से आग्रह किया कि दो मिनट के लिए बस को रोक दें। लड़की सेनिटरी पैड लगाना चाहती थी। मगर चालक-परिचालक ने बस नहीं रोकी और कहते रहे कि लंबे रूट की बस है, बीच में नहीं रूकेगी। लड़की ने कहा कि उसके  बार-बार आग्रह करने पर भी परिचालक ने बस नहीं रोकी। इस पर लड़की ने कहा कि वह उसे बस से नीचे उतार दें।

परंतु इसके लिए भी परिचालक तैयार नहीं हुआ। इसके बाद लड़की ने परिजनों को फोन किया और स्थिति की जानकारी दी। लड़की का पिता भी परिचालक को लड़की को बस से उतारने के लिए कहता रहा, लेकिन परिचालक नहीं माना। दोपहर बाद करीब चार बजे बस नादौन बस अड्डे पर पहुंच गई। लड़की बस से उतर कर शौचालय गई। जब लड़की शौचालय जाकर वापस अड्डे पर पहुंची तो वहां बस नहीं थी। परिवहन निगम की बस लड़की को वहीं छोड़कर बैजनाथ के लिए रवाना हो चुकी थी।

इस पर लड़की ने नादौन बस अड्डे में टिकट काउंटर पर तैनात विपिन शर्मा को घटना की जानकारी दी। इसके बाद विपिन शर्मा ने स्थानीय महिलाओं से संपर्क करके लड़की की सहायता दिलवाई। इसके बाद परिजनों से बातचीत करने उसे दूसरी बस में सुरक्षित कांगड़ा रवाना किया। नादौन बस अड्डा बुकिंग क्लर्क विपिन शर्मा ने बताया कि लड़की सुरक्षित घर पहुंच गई है। लड़की के परिजन उसे रास्ते में लेने आ गए थे। परिचालक एवं चालक की लापरवाही के बारे में अधिकारियों को अवगत करवा दिया है।

मामला ध्यान में है। क्षेत्रीय प्रबंधक बैजनाथ को मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। अगर चालक-परिचालक ने ऐसी लापरवाही बरती है तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। - संदीप कुमार, प्रबंध निदेशक, एचआरटीसी

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