नाले में आई बाढ़ से पुल का नामोनिशान मिट गया है. साथ ही किनारे पर बना घराट भी बह गया है. करीब 20 साल पहले बने इस पुल के बह जाने से क्षेत्र की 10 से अधिक पंचायतों का संपर्क सलूणी और तीसा से कट गया है, जिससे 20 हजार के करीब आबादी प्रभावित हुई है।
चंबा के ही भरमौर के प्रंघाला में भूस्खलन के कारण मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है, जिससे मणिमहेश यात्रा फिर से प्रभावित हुई है. यात्रा पर निकले कई श्रद्धालु फंस गए हैं. विभाग ने मार्ग की बहाली का कार्य शुरू कर दिया है. दोपहर तक लोगों की आवाजाही के लिए रास्ता खुलने की संभावना है. उक्त स्थान पर भूस्खलन व पत्थर गिरने का खतरा लगातार बना हुआ है, जिस कारण प्रशासन ने सुरक्षा को देखते हुए भी मणिमहेश यात्रियों से जोखिम न लेने की अपील की है।
मनाली में एंट्री से ठीक पहले लगातार हाईवे पर मलबा आ रहा है और प्रशासन और पीडब्ल्यूडी विभाग मौन है. टूरिस्ट सिटी मनाली में एंट्री पर ही बदसूरत तस्वीर सामने आते है. लगातार नाले में पानी बढ़ता है और मलबा हाईवे पर आ जाता है. लेकिन विभाग कोई प्रयास नहीं कर रहा है. केवल खानापूर्ति के लिए पत्थर और कंकरीट भरता है और बाद में फिर नाले में पानी बढ़ने से हालात वैसे ही हो जाते हैं।