इनमें 50 छोटी इलेक्ट्रिक बसें स्मार्ट सिटी मिशन के तहत खरीदी जाएंगी। सीएम ने कहा कि बीते वर्ष सात बस अड्डों का निर्माण पूरा करने के बाद 2022-23 में आठ और बस अड्डों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इनमें ठियोग, भंजराडू, बरछवाड़, हरिपुर देहरा, थुनाग, बंगाणा, नादौन तथा जंजैहली बस अड्डे शामिल हैं।
इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी को मंजूरी
सीएम ने सदन में जानकारी दी कि नीति आयोग ने इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाने के लिए प्रदेश को लाइट हाउस स्टेट के रूप में चयनित किया है। इसके तहत सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी-2021 को मंजूरी दे दी है। प्रदेश सरकार केंद्र के सहयोग से इलेक्ट्रिक व्हीकल एंड कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरिंग पार्क स्थापित करेेगी।
सीएम ने सदन में जानकारी दी कि नीति आयोग ने इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाने के लिए प्रदेश को लाइट हाउस स्टेट के रूप में चयनित किया है। इसके तहत सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी-2021 को मंजूरी दे दी है। प्रदेश सरकार केंद्र के सहयोग से इलेक्ट्रिक व्हीकल एंड कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरिंग पार्क स्थापित करेेगी।
आरटीओ होंगे हाइटेक, मिलेंगे एल्कोसेंसर और इंटरसेप्टर वाहन
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के मकसद से प्रदेश सरकार आरटीओ को हाइटेक करने जा रही है। सड़कों पर वाहन एवं यात्री सुरक्षित रहेें, इसके लिए प्रत्येक आरटीओ को एल्कोसेंसर, स्पीड रडार, क्रैश इन्वेस्टिगेशन लैब तथा ई-चालान सिस्टम से लैस इंटरसेप्टर इलेक्ट्रिक वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन वाहनों में उपस्थित अधिकारियों की सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से बॉडी वॉर्न कैमरे भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
सीएम ने कहा कि सरकार की ओर से ई-परिवहन व्यवस्था के माध्यम से परिवहन क्षेत्र में लर्नर लाइसेंस को छोड़कर लगभग हर सेवा ऑनलाईन उपलब्ध कराई जा रही है। 2022-23 में इस सुविधा को भी ई-परिवहन व्यवस्था से जोड़ दिया जाएगा। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में बनी सड़कों की पासिंग के लिए निर्धारित मापदंडों की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा छोटे चार पहिया वाहनों तथा छोटी बसों के लिए रोड पासिंग हेतु अलग से दिशा निर्देश दिए जाएंगे।
एंबुलेंस के पंजीकरण का होगा प्रावधान
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में एंबुलेंस के पंजीकरण के लिए कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं। संबंधित प्रावधानों में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे, जिससे एंबुलेंस का भी पंजीकरण हो सके तथा मापदंडों के आधार पर उनका भी समय-समय पर रखरखाव किया जा सके।
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के मकसद से प्रदेश सरकार आरटीओ को हाइटेक करने जा रही है। सड़कों पर वाहन एवं यात्री सुरक्षित रहेें, इसके लिए प्रत्येक आरटीओ को एल्कोसेंसर, स्पीड रडार, क्रैश इन्वेस्टिगेशन लैब तथा ई-चालान सिस्टम से लैस इंटरसेप्टर इलेक्ट्रिक वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन वाहनों में उपस्थित अधिकारियों की सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से बॉडी वॉर्न कैमरे भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
सीएम ने कहा कि सरकार की ओर से ई-परिवहन व्यवस्था के माध्यम से परिवहन क्षेत्र में लर्नर लाइसेंस को छोड़कर लगभग हर सेवा ऑनलाईन उपलब्ध कराई जा रही है। 2022-23 में इस सुविधा को भी ई-परिवहन व्यवस्था से जोड़ दिया जाएगा। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में बनी सड़कों की पासिंग के लिए निर्धारित मापदंडों की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा छोटे चार पहिया वाहनों तथा छोटी बसों के लिए रोड पासिंग हेतु अलग से दिशा निर्देश दिए जाएंगे।
एंबुलेंस के पंजीकरण का होगा प्रावधान
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में एंबुलेंस के पंजीकरण के लिए कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं। संबंधित प्रावधानों में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे, जिससे एंबुलेंस का भी पंजीकरण हो सके तथा मापदंडों के आधार पर उनका भी समय-समय पर रखरखाव किया जा सके।