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मार्च में ही पेट्रोल 150 रु प्रति लीटर! Crude 138 डॉलर, रुपये में गिरावट, डॉलर इंडेक्स 99 के पार, ये हैं 3 बड़े फैक्टर

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Petrol-Diesel Prices Outlook: करीब 2 महीने तक राहत मिलने के बाद अब महंगे पेट्रोल और डीजल के लिए कमर कस लीजिए. रूस और यूक्रेन संकट के चलते इंटरनेशनल मार्केट ब्रेंट क्रूड ने आज 138 डॉलर प्रति बैरल का लेवल टच किया. यह क्रूड के लिए करीब 14 साल का हाई है. 

अमेरिकल क्रूड भी 125 डॉलर तक पहुंच गया है. वहीं जियो पॉलिटिकल रिस्क के साइड इफैक्ट के चलते जहां डॉलर इंडेक्स 99 के पार है, वहीं रुपये भी 77 प्रति डॉलर के निचले स्तरों पर आ गया है. फिलहाल युद्ध के मौजूदा स्थिति में सप्लाई बाधित होने के चलते क्रूड में जहां तेजी का अनुमान है, वहीं सरकार भी घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल के दाम जल्द ही बढ़ाना शुरू कर सकती है.

98 दिनों में क्रूड 110 फीसदी महंगा

पिछले साल दिसंबर में क्रूड ने 65.80 डॉलर प्रति बैरल के लेवल से तेजी दिखाना शुरू किया है. वहीं तबसे अबतक घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़े हैं. दिसंबर में 65.80 के लो के बाद से क्रूड आज 138 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गया. सिर्फ 98 दिनों में क्रूड 110 फीसदी महंगा हो गया है, लेकिन पेट्रोल और डीजल के दाम स्टेबल हैं. बता दें कि दिसंबर से ही देश में 5 राज्यों के लिए चुनावी माहौल शुरू हो गया और इस दौरान तेल की कीमतों में राहत रही.


इसी महीने 25 रु से 30 रु तक महंगा होगा पेट्रोल!

केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड में लगातार उबाल आ रहा है, वहीं डॉलर इंडेक्स 99 का लेवल पार कर गया है. इस साल जनवरी में यह 94.62 के लेवल पर था, यानी जनवरी से अबतक यह 5 फीसदी चढ़ चुका है. मई 2020 के बाद पहली बार इंडेक्स ने 99 का लेवल क्रॉस किया है. वहीं रुपया फ्यूचर्स पर अप्रैल 2020 के बाद पहली बार 77 प्रति डॉलर के नीचे आ गया है. 

फॉरेक्स रिजर्व भी गिरा है. ये सारे फैक्टर इशारा कर रहे हैं कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है. उनका कहना है कि जिस तरह से क्रूड सहित ये फैक्टर काम कर रहे हैं, देश में पेट्रोल और डीजल में 25 रुपये से 30 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ोतरी मार्च में ही संभव है. बुरे कंडीशन में यह कुछ शहरों में 150 रुपये प्रति लीटर तक जा सकता है, जहां पहले से पेट्रोल 110 रुपये प्रति लीटर के पार बिक रहा है.

बैलेंसशीट पर बढ़ रहा है दबाव

IIFL के VP-रिसर्च अनुज गुप्ता का कहना है कि आज ब्रेंट अपने 14 साल के हाई पर पहुंच गया है. 2022 यानी इस साल ही इसमें 70 फीसदी के आस पास तेजी आ चुकी है. लोअर सप्लाई, जियोपॉलिटिकल रिस्क और अनस्टेबल आयल टैंकर पोजिशन के चलते क्रूड लगातार महंगा हो रहा है. जल्द ही यह 140 डॉलर प्रति बैरल का लेवल पार कर सकता है. mcx क्रूड 8580 रुपये के लेवल पर ट्रेड कर रहा है. 

यह इस साल अबतक 50 फीसदी से ज्यादा महंगा हुआ है. उनका कहना है कि क्रूड लगातार महंगा होन के बाद भी भारत में पेट्रोल और डीजल में लंबे समय से कोई बदलाव नहीं हुआ है. भारत अपनी जरूरत का 82 फीसदी से ज्यादा क्रूड इंपोर्ट करता है. दूसरी ओर रुपया कमजोर हो रहा है. इन सबके चलते बैलेंसशीट पर दबाव बहुत ज्यादा है. संभव है कि युपी चुनाव में मतदान खत्म होने के बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में तेज इजाफा देखने को मिले.

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