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हिमाचल :मंत्री ने कहा सोशल मीडिया में नहीं बनेंगे नए जिले : जानिए पूरा मामला

News Update Media
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शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने निकट भविष्य में कांगड़ा को छोटे जिलों में विभाजित करने की अटकलों पर फिलहाल विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा कि मामला सबसे पहले कैबनेट में आएगा सोशल मीडिया पर नहीं। धर्मशाला दौरे के दौरान शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए भारद्वाज ने कहा कि हिमाचल के सबसे बड़े जिले कांगड़ा को चार छोटे जिलों में विभाजित करने के लिए अभी तक कोई सरकारी प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर अभी तक सरकार द्वारा चर्चा नहीं की गई है। यदि भविष्य में ऐसा कोई प्रस्ताव आता है, तो उसे पहले कैबिनेट बैठक में चर्चा के लिए रखा जाएगा।

उन्होंने सोशल मीडिया में इस तरह की खबरों के स्रोत पर सवाल उठाया। पिछले करीब एक दशक से पालमपुर, नूरपुर और देहरा को जिला का दर्जा देने की बात चल रही है। इन क्षेत्रों के निवासियों ने मांग के समर्थन में आंदोलन भी शुरू कर दिया था। कांगड़ा भौगोलिक और जनसंख्या के लिहाज से काफी बड़ा जिला है, इसलिए इसे छोटे जिलों में बांटने की बातें कई बार उठती रही हैं। लोगों का मानना है कि छोटे जिले बनने से दूर-दराज के इलाकों में और विकास होगा। नए जिले बनाने का मुद्दा प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार के दौरान भी उठा था, लेकिन कुछ भी ठोस हासिल नहीं हो सका।

लोगों में गुस्सा

उधर, लोगों में इस बात की भी चर्चा है कि चुनावी वर्ष में भाजपा यदि यह स्टंट खेलती भी है, तो इसका कोई लाभ नहीं मिलेगा। लोग इसे कांगड़ा को तोड़कर इसकी पॉवर को कम करने का प्रयास भी मान रहे हैं।

पहली बार मंत्री ने ली कांगड़ा बैंक की बैठक

धर्मशाला। ऐसा पहली बार हुआ जब संबंधित विभाग के किसी मंत्री ने प्रदेश के महत्त्पूर्ण कांगड़ा बैंक की बैठक ली हो। इससे पहले किसी भी मंत्री ने इतनी गहराई में जाकर बैंक के हालात को नहीं देखा। उन्होंने एनपीए कम करने से लेकर तमाम मसलों पर गहना से चर्चा की। सुरेश भारद्वाज के इन प्रयासों की बैंक प्रबंधन व बैंक से जुड़े लोग भी प्रशंसा कर रहे हैं।

नई भर्तियों, स्कूलों पर कैबिनेट में होगा फैसला



सोमवार सुबह होने वाली कैबिनेट की बैठक में नई भर्तियों के साथ पेंशनरों की नई पेंशन पर भी फैसला हो सकता है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में यह बैठक सचिवालय में होगी। इसमें शिक्षा विभाग की प्री-नर्सरी टीचर भर्ती की पॉलिसी पर चर्चा हो सकती है। इसके साथ लोक निर्माण विभाग में मल्टी टास्क वर्करों के 5000 पदों को भरने और शिक्षा विभाग में भी मल्टी टास्क वर्करों के 8000 पदों के भरने की नीति पर भी फैसला होना है। हालांकि अभी तक यह तय नहीं था कि यह दोनों नीतियां कैबिनेट के एजेंडा में शामिल होंगी, लेकिन बैठक के लिए अभी वक्त है। इसलिए यह संभव है कि शिक्षा विभाग से भी इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर पॉलिसी में संशोधन को लेकर मामला कैबिनेट में रखा जाएगा। इस कैबिनेट की बैठक में वित्त विभाग की ओर से नई पेंशन के रूल्स को लाया जाएगा।

इसके साथ ही एनपीएस कर्मचारियों के लिए 2009 की अधिसूचना पर भी सरकार फैसला ले सकती है, जिसमें सेवाकाल के दौरान कर्मचारी की मौत होने या अपंगता होने पर ओल्ड पेंशन के हिसाब से पेंशन देने का प्रावधान है। कैबिनेट छोटी कक्षाओं के स्कूलों को खोलने पर भी फैसला लेगी। राज्य में विंटर क्लोजिंग स्कूल 15 फरवरी से खुल रहे हैं और समर क्लोजिंग पहले ही 9वीं से 12वीं कक्षाओं के लिए खुल चुके हैं। अब तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षाओं के लिए यह फैसला होना है। राज्य में सिनेमाघरों को दोबारा से खोलने को लेकर भी कैबिनेट में चर्चा होगी और कोविड-19 की समीक्षा भी की जाएगी। शिक्षा विभाग में ही प्री-नर्सरी टीचर भर्ती की पॉलिसी पर भी चर्चा होनी है। 4700 शिक्षकों को भर्ती किया जाना है, लेकिन पॉलिसी पहली बार बन रही है। इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रोमोशन कोटा दें या नहीं? यह भी कैबिनेट ने देखना है।

सीएम के दौरे में बदलाव

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के दौरे में बदलाव हुआ है। वह पंजाब में चुनाव प्रचार के बाद शुक्रवार शाम को वापस लौट रहे थे, लेकिन अभी चंडीगढ़ में ही रुकेंगे। शनिवार को उनका ऊना के कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र का दौरा है। इसी दौरान वह बाबा बाल के आश्रम में भी जाएंगे और पालकवाह हरोली में कार्यक्रम के बाद शाम को शिमला लौट आएंगे। रविवार को मुख्यमंत्री शिमला में ही है और सोमवार को कैबिनेट की बैठक है।

एचपीएनआरएस अनुबंध कर्मियों की बढ़ेगी पगार



प्रदेश भर में विकासात्मक प्रोजेक्ट में कार्यरत अनुबंध कर्मचारियों को दोहरी खुशी मिलने वाली है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु बढऩे के साथ ही अब तमाम अनुबंध कर्मचारियों के वेतन में भी बढ़ोतरी की संभावना है। कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी को लेकर फाइल सचिवालय प्रस्तावित की गई है। इसमें कर्मचारियों के वेतन में 10 फीसदी तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार किया गया है। पूरे प्रदेश में विश्व बैंक के माध्यम से चलाए जा रहे विभिन्न प्रोजेक्टों में ये कर्मचारी ड्यूटी दे रहे हैं। इनमें आईडीपी, जापान को-आपरेशन एजेंसी (जाइका) और केएफडब्ल्यू में अनुबंध पर तैनात कर्मचारी शामिल हैं। अब प्रधान सचिव स्तर पर इन कर्मचारियों की मांगों पर विचार होना है और उसके बाद निर्णय लिया जाएगा। उधर, वन निगम के निदेशक पवनेश शर्मा ने बताया कि प्रोजेक्ट्स में कार्यरत एचपीएनआरएस के अनुबंध कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी का निर्णय अभी आना है। इस बारे में फैसला सरकार लेगी और सचिवालय स्तर पर इसमें मंथन होगा। फिलहाल, अभी तक यह मामला शुरुआती चरण में है।

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