बैठक में तय हुआ कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सुपरवाइजर के पद के लिए होने वाले प्रमोशन का कोटा 80 से बढ़ाकर 90 फीसदी किया जाएगा। वहीं, पिछले पांच दिन से हड़ताल पर बैठे एचआरटीसी के पीसमील कर्मचारियों को अनुबंध पर लाने के निर्देश जारी किए। बिजली विभाग में कार्यरत हजारों जूनियर टी मेट के हित में बड़ा फैसला लेते हुए पांच साल की बजाय अब तीन साल में ही टी मेट बनने का रास्ता साफ कर दिया है।
पंचायत वेटरनेरी असिस्टेंट को फार्मासिस्ट बनाने के लिए भी रास्ता निकालने का आश्वासन दिया है। अन्य मांगों पर वित्त विभाग को वित्तीय एंगल देखते हुए संबंधित विभागों, बोर्ड-निगम के साथ बैठक कर निर्णय करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से अगले बजट सत्र से पूर्व बीएमएस की बैठक शीघ्र आयोजित की जाएगी और अन्य मांगों पर भी प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष मदन राणा, एसीएस श्रम आरडी धीमान, एसीएस वित्त प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव मुख्यमंत्री जेसी शर्मा श्रम आयुक्त रोहित जमवाल, महासचिव बीएमएस यशपाल हेटा आदि मौजूद रहे।
सोमवार को विभिन्न मांगों को लेकर भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले आशा वर्कर, आंगनबाड़ी व अन्य श्रेणी के सैकड़ों कर्मचारियों ने सचिवालय का घेराव कर प्रदर्शन किया था। इस दौरान पुलिस कर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की झड़प भी हुई, जिसमें कुछ प्रदर्शनकारी घायल हो गए। इसके बाद मुख्य सचिव ने प्रदर्शनकारियों से सचिवालय में मुलाकात कर उनके ज्ञापन पर जल्द बैठक का आश्वासन दिया था।