हिमाचल में कानून व्यवस्था कितनी बेकार हो गई है इस बात का पता यही से लग जाता है कि एक दलित की हत्या हो जाने पर भी एफआईआर दर्ज नही होती। ऐसा ही ताजा मामला मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र जंजैहली से निकल कर सामने आया है। जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों जंजैहली में एक शिक्षा विभाग की हत्या हुई थी। जिस पर उसके परिजनों से पुलिस से एफआईआर दर्ज करने की मांग की लेकिन एक वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि डीएसपी करसोग गीतांजलि ठाकुर ने तत्काल एफआईआर करने से मना कर दिया। उनका वायरल वीडियो में कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने बाद ही पुलिस एफआईआर दर्ज करेगी।
इस मामले को अखिल भारतीय युवा कोली/कोरी समाज के पदाधिकारियों ने संज्ञान में लेते हुए डीएसपी गीतांजलि ठाकुर के खिलाफ महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री भारत सरकार व मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश को लिखित शिकायत भेजी है।
उनका कहना है कि जब एससी एसटी एक्ट में तत्काल एफआईआर करने का प्रावधन है तो डीएसपी ने एफआईआर क्यों दर्ज नही की। इस मामले में उन्होंने महामहिम राष्ट्रपति, भारत सरकार से कर्तव्य का सही से पालन नही करने व कानून के अनुसार कार्यवाही नही करने के लिए डीएसपी के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
अखिल भारतीय युवा कोली/कोरी समाज का कहना है कि डीएसपी ने 24 घंटों तक एफआईआर दर्ज नही की और एफआईआर करने से मना किया तथा सदमे से गुजर रहे परिजनों से सबूत मांगे। जबकि एससी एसटी एक्ट के नए प्रावधानों के तहत तत्काल एफआईआर करने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि डीएसपी के प्रदेश व देश में बैठी भाजपा सरकार व विभाग की छवि को भी क्षति पहुंचाई है।
अखिल भारतीय युवा कोली/कोरी समाज के पदाधिकारियों ने मांग की है कि डीएसपी गीतांजलि ठाकुर के खिलाफ एससी एसटी एक्ट की धारा 4 व अन्य आईपीसी सेक्शन में कानूनी कार्यवाही की जाए। उनका यह भी कहना है कि डीएसपी ने पत्नी के बयान लिखने के बाबजूद कोई कानूनी कार्यवाही नही की व सार्वजनिक रूप से एफआईआर लिखने से मना किया।