Abhishek Rana
हमीरपुर : हजारों पुलिस कांस्टेबलों को 8 साल की नियमित सेवा के बाद मिलने वाले संशोधित वेतनमान के 2 साल बाद मिलने की आस भी अब टूट गई है। पुलिस कान्स्टेबल को अभी भी 8 साल तक नियमित सेवाएं देनी होंगी, उसके बाद ही उन्हें संशोधित वेतनमान मिलेगा। इस विषय पर प्रदेश सरकार को घेरते हुए कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के चेयरमैन अभिषेक राणा ने बताया कि हम लगातार आवाज उठाते रहे हैं कि 8 साल की इस अवधि को पुलिस कर्मियों के लिए कम किया जाए। पुलिस कर्मियों की हालत हिमाचल प्रदेश में जयराम सरकार आने के बाद दयनीय स्थिति में है।
कोविड काल में वह पुलिस कर्मी ही थे, जिन्होंने दिन-रात जनता की सेवा की। अपना घर परिवार छोड़कर सड़कों पर खड़े रहे और अपनी ड्यूटी के लिए डटे रहे। प्रदेश सरकार के ऐसे बहुत से विभाग हैं जिन पर सरकार पूर्णत: मेहरबान है लेकिन पुलिस विभाग ही सरकार की मेहरबानी से वंचित है। प्रदेश सरकार को विधानसभा में यह स्पष्ट करना होगा कि वह पुलिस कर्मियों को राहत देने का कौन-सा कार्य कर रही है। 8 साल के बाद संशोधित पे-स्केल मिलने के फैसले पर सरकार पुनर्विचार करे एवं पुलिस कर्मियों को न्याय दिलवाए।
अभिषेक राणा ने पुलिस कर्मियों के लिए विडंबना जाहिर करते हुए कहा कि हमारे पुलिस विभाग में अच्छे खासे पढ़े-लिखे युवा हैं। और इसके साथ ही प्रतिभा से भरे कितने ही कर्मचारी हैं जिनको उनकी मेहनत के हिसाब से पे स्केल नहीं मिलता। आज के दौर में पुलिस कर्मियों का घर चलाना भी मुश्किल हो गया है। दिन रात की ड्यूटी के करने के बाद भी प्रदेश के पुलिस कर्मी योग्यता अनुसार मिलने वाली सेवाओं से वंचित है।
यही नहीं, प्रदेश के पुलिस कर्मियों को सरकार ने अन्याय के गर्भ में झोंक दिया है जहां पर वे अपनी मांगों के लिए आवाज तक नहीं उठा सकते। इसीलिए हमारी सरकार से यह गुजारिश है कि पुलिस कर्मियों के हित की तरफ ध्यान दिया जाए एवं विधानसभा में इनको राहत प्रदान करने के विषय में चर्चा कर कोई सकारात्मक परिणाम निकाला जाए।