नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को वासस लेने के निर्णय को आज मंजूरी दे दी और सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इन कानूनों को प्राथमिकता के आधार पर वापस लेने की प्रक्रिया पहले सप्ताह में ही शुरू कर देगी।
इसके अलावा कैबिनेट ने फैसला लेते हुए मार्च, 2022 तक गरीबों को मुफ्त राशन प्रदान करने के लिए पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार करने का निर्णय लिया। कैबिनेट के फैसलों पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पांचवें चरण के तहत खाद्यान्न पर 53,344.52 करोड़ रुपए की अनुमानित खाद्य सबसिडी होगी।
इसके अतिरिक्त अनुराग ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने इन कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री द्वारा गत शुक्रवार को इस संबंध में की गयी घोषणा के बाद मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दे दी गई है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम-2020, कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तुएं संशोधन अधिनियम 2020 इन तीनों कानूनों को वापस लेने की घोषणा करते समय सरकार का रूख विस्तार से रखा था और कहा था कि संसद के शीतकालीन सत्र में इसकी संवैधानिक प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि संसदीय नियमों और प्रक्रिया के तहत पहले सप्ताह में ही प्राथमिकता के आधार पर यह प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।