Himachal : मंत्री महेंद्र सिंह की अजीबोगरीब सलाह- बोले बागवान क्रेट में बेचें सेब: Read Full News

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हिमाचल प्रदेश के बागवान क्रेट में सेब बेचकर फालतू के खर्चों से बचें। पिछले कुछ दिनों से सेब के गिरते दामों से मचे बवाल के बाद आखिरकार बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ने चुप्पी तोड़ते हुए बागवानों को यह सलाह दी है। महेंद्र सिंह ने बुधवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मनाली के बागवान सेब तोड़कर बिना ग्रेडिंग कर क्रेट में भरकर मंडियों में बेच रहे हैं। 

ये बागवान कार्टन, ट्रे, पैकिंग, ग्रेडिंग, फल धुलाई पर कोई खर्चा नहीं करते। सरकार बागवानों को क्रेट खरीद में 50 फीसदी उपदान दे रही है। बागवान क्रेट में सेब बेचते हैं तो कार्टन, ट्रे, पैकिंग, ग्रेडिंग और फलों की धुलाई के खर्चे से बचेंगे। 

लदानी कार्टन में पैक सेब को दोबारा खोलकर पैकिंग करके 28 किलो के बदले 20 किलो सेब की पैकिंग बना रहे हैं। क्रेट में भरकर सेब मंडियों में बेचा जाता है तो बागवानों को आर्थिक नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। मंत्री का कहना है कि इस बार ओलों की मार से सेब का आकार नहीं बना है। 

मंडी मध्यस्थता योजना (एमआईएस) के तहत बोरियों में बिके सेब को खुले बाजार में भी बेचने से भी अच्छे सेब के दाम गिरे हैं। उनका कहना है कि अच्छे सेब के  न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने के बारे में सरकार का कोई विचार नहीं है।  

प्रदेश के करीब 17 बागवान संघों ने 13 सितंबर से सेब के  एमएसपी को लेकर मोर्चा खोलने की तैयारी की है। 3 सितंबर से ब्लॉक स्तर पर बागवानों को एकजुट किया जा रहा है। 

प्रदेश सरकार ने सेब के दाम गिरने के बाद उठे विवाद को शांत करने के लिए डैमेज कंट्रोल के  लिए शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज को जिम्मा सौंपा था। इसके बाद भारद्वाज ने पराला सहित जिला शिमला की विभिन्न मंडियों का दौरा किया।

प्रदेश की मंडियों में सेब के दाम नीचे गिरने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बागवानों को सेब तुड़ान न करने की सलाह दी थी। 

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