जानकारी के अनुसार, चंबा जिले में जंगल में सात दिन घायल अवस्था में बेसुध पड़े रहने के बाद भी हंसराज की जान बच गई. घायल को उपचार के लिए चंबा मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया है।
दरअसल, हंसराज, गांव गुआड़ी, तरेला बीते आठ जुलाई को पांगी से तीसा की तरफ अपने घर आ रहा था. रानीकोट में हंसराज जंगल की तरफ गए, जहां पांव फिसलने से गहरे नाले में गिर गए और बेहोश हो गए. हंसराज घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने तलाश शुरू कर दी. रिश्तेदारों के पास भी गए, लेकिन कुछ पता नहीं चला।
परिजनों ने थक-हारकर 13 जुलाई को पुलिस के पास लापता की शिकायत दर्ज करवाई. इसके बाद पुलिस ने भी तलाश शुरू कर दी. 15 जुलाई को जब परिजन व अन्य ग्रामीण तलाश करते हुए रानीकोट के जंगल पहुंचे तो वहां हंसराज घायल अवस्था में मिले. उन्हें उपचार के लिए चंबा मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां टांग में गंभीर चोट की वजह से उन्हें भर्ती किया गया है. डॉक्टरों ने उनकी टांग के ऑपरेशन की बात कही है. चिकित्सा अधीक्षक देवेंद्र ने बताया कि जंगल में घायल अवस्था में मिले व्यक्ति का उपचार मेडिकल कॉलेज में किया जा रहा है. वहीं, हंसराज के जीवित बचने पर हर कोई हैरान है।