शहर की मेन मार्किट (Main Market) में रहने वाली एक महिला द्वारा पुलिस में दर्ज करवाई गई शिकायत के अनुसार वर्ष 2018 में उसके भाई ने पैसों की जरूरत का हवाला देते हुए लोन के लिए उससे और उसकी मां से बैंक में गारंटी देने का आग्रह किया। बेटा व सगा भाई होने के नाते वे दोनों इसके लिए तैयार हो गर्ईं। उसके बाद भाई तथा बैंक की बिलासपुर शाखा ( Bank Bilaspur Branch) के अधिकारियों ने औपचारिकता बताते हुए कई कागजों और फ ार्मों पर उनके हस्ताक्षर करवा लिए। उन्हें यही बताया गया कि बैंक लोन के लिए उनसे बतौर गारंटर हस्ताक्षर लिए जा रहे हैं। उनसे खाली चैक पर भी हस्ताक्षर करवाए गए थे। इसके अलावा तहसील कार्यालय में उनका फ ोटो भी खींचा गया था।
शिकायतकर्ता के अनुसार बैंक से नोटिस (Notice) आने पर उन्हें पता चला कि भाई ने उनके नाम से बैंक से 15 लाख रुपए का लोन लिया था। उसमें से 5 लाख उसने पहले से लिए गए हस्ताक्षरित खाली चैक जबकि 10 लाख बैंक बाऊचर पर जाली हस्ताक्षर करके अपने अकाऊंट में ट्रांसफर करवा लिए। महिला का आरोप है कि इसमें साफ तौर पर बैंक स्टाफ की भी मिलीभगत रही। 15 लाख लेने के बाद भाई ने लोन की किस्तें नहीं दीं, जिसकी वजह से उन्हें नोटिस आने लगे।
उसने गत अप्रैल माह में पुलिस में शिकायत की थी। तब भाई ने अपना अपराध मानते हुए एग्रीमैंट किया था कि वह सारा लोन वापस कर देगा लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। उसने केवल कानून से बचने और उसे धोखा देने के लिए एग्रीमैंट (Agreement) बनवाया था। शिकायतकत्र्ता महिला ने अपने भाई के साथ ही इसमें संलिप्त बैंक स्टाफ के खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। डीएसपी बिलासपुर राजकुमार ने बताया कि सदर थाना में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया गया है तथा पुलिस आगामी कार्रवाई कर रही है।