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मंडी, 28 अगस्त। हिमाचल प्रदेश में इस बार बरसात कहर बरपा रही है। मंडी जिला फिर से प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहा है। चंद घंटे खुलने के बाद चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे गुरुवार रात को दोबारा बंद हो गया और इस बार बहाली की संभावना बेहद कम नजर आ रही है।
मंडी में हुआ भारी भूस्खलन
देर रात बनाला के पास भारी भूस्खलन हुआ, जिसकी वजह से गाड़ियां दबने की अफवाह फैली, लेकिन फिलहाल ऐसी किसी घटना की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। ऐसे में मंडी की सांसद कंगना की सोशल मीडिया पोस्ट पर बवाल मच गया है।
MP कंगना रनौत ने दी गलत जानकारी
मंडी की सांसद कंगना रनौत ने दावा किया कि हादसे में कई वाहन मलबे में दब सकते हैं और राहत-बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। हालांकि, SP मंडी साक्षी वर्मा ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि अब तक कोई लापता या दबे लोगों की सूचना नहीं मिली है। प्रशासन की मशीनरी लगातार मलबा हटाने में जुटी हुई है और स्थिति स्पष्ट होने में अभी वक्त लगेगा।
धमाके की सुनाई दी आवाजें
वहीं, पंडोह डैम के पास कैंची मोड़ पर बनी है, जहां हाईवे पूरी तरह से धंस गया है। यहां पैदल आवाजाही तक संभव नहीं रही। बुधवार रात को हुई मूसलाधार बारिश के बीच स्थानीय लोगों ने धमाकों जैसी आवाजें सुनीं और देखते ही देखते हाईवे ताश के पत्तों की तरह बह गया। इसी दौरान, तीन वाहन भूस्खलन की चपेट में आ गए। हालांकि किसी को बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लोग गाड़ियां छोड़कर भागे और अपनी जान बचाई। हाईवे बंद होने से दोनों ओर सैकड़ों वाहन फंस गए हैं।
SP ने किया खंडन
SP मंडी साक्षी वर्मा ने बताया कि प्रशासन ने वैकल्पिक मार्ग के रूप में मंडी से कमांद होकर बजौरा तक सड़क को खोला है, लेकिन यह रास्ता सिर्फ हल्के वाहनों के लिए एकतरफा है। यानी मंडी से कुल्लू जाने वाले वाहन ही इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
विशेष बात यह है कि इसी स्थान के पास 2023 में भी हाईवे धंसकर पंडोह डैम में समा गया था और तब इसे बहाल करने में पूरे आठ महीने लग गए थे। इस बार नुकसान उससे भी ज्यादा बड़ा बताया जा रहा है। यदि जल्द ही वैकल्पिक मार्ग तैयार नहीं किया गया, तो कुल्लू-मनाली का सम्पर्क सिर्फ कटौला मार्ग से ही संभव रहेगा।