हिमाचल: पण्डोह डैम के सभी गेट खोले - ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ा, नदियों के किनारे न जाएं लोग

Anil Kashyap
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न्यूज अपडेट्स 
मंडी, 29 जून। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में ब्यास नदी एक बार फिर रौद्र रूप में नजर आ रही है। लारजी डैम की फ्लशिंग प्रक्रिया के चलते पंडोह डैम से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे नदी का जलस्तर खतरनाक ढंग से बढ़ गया है।

पंडोह डैम में सभी गेट खोले

शनिवार को BBMB ने लारजी से आ रहे जल प्रवाह के कारण पंडोह डैम के सभी पांचों फ्लड गेट खोल दिए हैं। इससे ब्यास नदी में 44,000 क्यूसेक प्रति सेकेंड की रफ्तार से पानी छोड़ा जा रहा है।

नदियों-नालों का जलस्तर बढ़ा

BBMB के अधिशाषी अभियंता ने जानकारी देते हुए बताया कि लारजी डैम में फ्लशिंग के दौरान भारी मात्रा में सिल्ट और गाद बाहर निकाली जा रही है। वर्तमान में नदी में सिल्ट स्तर 4000 पीपीएम तक पहुंच चुका है, जो तकनीकी दृष्टि से काफी ऊंचा है। इस कारण बग्गी सुरंग के जरिए डैहर पावर हाउस को पानी पहुंचाना बंद कर दिया गया है, जिससे आगामी 24 घंटों तक विद्युत उत्पादन अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।

नदी के किनारे जाने पर पूर्ण प्रतिबंध

BBMB और जिला प्रशासन ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि 30 जून की सुबह 6 बजे तक फ्लशिंग जारी रहेगी। इस दौरान पर्यटकों और स्थानीय लोगों को सख्त हिदायत दी गई है कि वे किसी भी हालत में ब्यास नदी के किनारे न जाएं। पशुपालकों को भी सलाह दी गई है कि वे अपने पालतू जानवरों को नदी से दूर रखें, क्योंकि जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी किसी भी समय जानलेवा साबित हो सकती है।

प्रदेश में बीती रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने हालात और भी चुनौतीपूर्ण बना दिए हैं। मंडी जिला की कई छोटी-बड़ी नदियां और खड्डें उफान पर हैं। पंडोह के समीप बहने वाली ज्यूणी खड्ड ने भी ब्यास नदी की मुख्यधारा को चुनौती देना शुरू कर दिया है। ऐसे में प्रशासन हाई अलर्ट पर है और लगातार जलस्तर की निगरानी की जा रही है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं डीसी मंडी, अपूर्व देवगन ने जनता से अपील की है कि मौसम विभाग और स्थानीय प्रशासन की चेतावनियों को गंभीरता से लें और किसी भी आपात स्थिति में समय पर सुरक्षित स्थानों की ओर जाएं। 

फ्लशिंग की आवश्यकता क्यों?

हर वर्ष मानसून के दौरान लारजी और पंडोह डैम में सिल्ट और गाद की मात्रा बढ़ जाती है। इनकी समय-समय पर सफाई (फ्लशिंग) करना आवश्यक होता है ताकि डैम की जल भंडारण क्षमता और विद्युत उत्पादन प्रणाली प्रभावित न हो। यह प्रक्रिया तकनीकी रूप से जरूरी होती है लेकिन इससे जुड़े जोखिमों को देखते हुए स्थानीय आबादी और पर्यटकों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

प्रशासन ने आगामी दो दिनों को संवेदनशील मानते हुए निगरानी तंत्र मजबूत किया है और संबंधित विभागों को अलर्ट पर रखा गया है। ऐसे में आम लोगों को सलाह दी जाती है कि वे अनावश्यक जोखिम न लें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

HELPLINE नंबर

DC मंडी एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष अपूर्व देवगन ने लोगों से किसी भी आपदा स्थिति में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के दूरभाष नंबरों पर संपर्क करने की अपील की है। ये हैं HELPLINE नंबर-

01905-226201
01905-226202
01905-226203
01905-226204
व्हाट्सएप नंबर 85447-71889

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