हिमाचल: राज्य सहकारी बैंक पर साइबर अटैक - ठगों ने अकाउंट से निकाले 11.55 करोड़ रुपए, जानिए क्या बोले बैंक के एमडी

News Updates Network
0
न्यूज अपडेट्स 
शिमला, 17 मई। हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के सर्वर पर साइबर ठगों ने बड़ा हमला कर दिया है। शातिर अपराधियों ने बैंक के एक खाताधारक के मोबाइल फोन को हैक कर 11.55 करोड़ रुपये की भारी रकम उड़ा ली। इस धोखाधड़ी को अंजाम देने के बाद, ठगों ने इस राशि को 20 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही बैंक प्रबंधन ने तुरंत हरकत में आते हुए शिमला के सदर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने इस संबंध में जीरो एफआईआर दर्ज कर मामले को साइबर पुलिस स्टेशन शिमला को सौंप दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार, यह साइबर हमला 11 और 12 मई को किया गया। ठगों ने चंबा जिले के हटली शाखा के एक ग्राहक के मोबाइल को निशाना बनाया और मोबाइल एप्लीकेशन 'हिम पैसा' में सेंध लगाई। इसके बाद बैंक के सर्वर को हैक कर इस बड़ी ठगी को अंजाम दिया गया। 13 मई को अवकाश होने के कारण भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से बैंक को नियमित रिपोर्ट नहीं मिल पाई, जिसकी वजह से इस धोखाधड़ी का पता नहीं चल सका। 14 मई को जब आरबीआई की रिपोर्ट आई, तो बैंक प्रबंधन को इस साइबर सेंधमारी का पता चला, जिससे बैंक में हड़कंप मच गया। प्रबंधन ने तत्काल संबंधित अधिकारियों को इसकी सूचना दी।

बैंक के अनुसार, साइबर हमले के जरिए जिन 20 अलग-अलग खातों में राशि ट्रांसफर की गई है, उन्हें फिलहाल होल्ड कर दिया गया है। बैंक की ओर से मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी ने सदर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने मामला साइबर क्राइम ब्रांच को हस्तांतरित कर दिया है। अब इस मामले की जांच सीईआरटी-इन (CERT-In) यानी भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम और साइबर क्राइम की टीम मिलकर करेगी। सीईआरटी-इन भारत में साइबर सुरक्षा से जुड़ी घटनाओं से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नोडल एजेंसी है। डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला ने बताया कि राज्य सहकारी बैंक के सर्वर हैक कर धोखाधड़ी का मामला सदर थाने से उनके विभाग को मिला है और हर पहलू की गंभीरता से जांच की जा रही है।

बैंक प्रबंधन ने इस घटना की सूचना सीईआरटी-इन को भी दे दी है। शनिवार को दिल्ली से सीईआरटी-इन की एक टीम शिमला पहुंचकर बैंक के डेटा सेंटर का दौरा करेगी। यहां विशेषज्ञ बैंक के सिस्टम में ठगों द्वारा लगाई गई सेंध की गहराई से जांच करेंगे। इसके साथ ही, 'हिम पैसा' ऐप को हैक कर कैसे इस पूरी घटना को अंजाम दिया गया, इसकी भी पड़ताल की जाएगी। बैंक भविष्य में इस तरह के साइबर हमलों से सुरक्षित रहे, इसके लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।

बैंक के प्रबंध निदेशक श्रवण मांटा ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बैंक सर्वर पर साइबर अटैक कर यह धोखाधड़ी की गई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बैंक के सभी ग्राहकों का पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है। एनईएफटी और आरटीजीएस के माध्यम से अलग-अलग खातों में ट्रांसफर की गई राशि को होल्ड कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने बताया कि इस तरह की किसी भी धोखाधड़ी से सुरक्षा के लिए साइबर इंश्योरेंस मौजूद है, जिससे बैंक को होने वाले किसी भी आर्थिक नुकसान की भरपाई की जा सकेगी। बैंक अपनी साइबर सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए जल्द ही देश के सबसे उन्नत सॉफ्टवेयर इंफोसिस के फिनाकल-10 पर शिफ्ट होने जा रहा है, जिसका उपयोग देश के कई बड़े बैंक कर रहे हैं।

Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top