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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट पर एक बड़ा हादसा टल गया। इस घटना ने न केवल यात्रियों को डरा दिया, बल्कि प्रशासन और विमानन अधिकारियों को भी सतर्क कर दिया। खबरों के मुताबिक, एक फ्लाइट में तकनीकी खराबी के कारण अचानक रुकावट आई, जिसमें हिमाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री और डीजीपी सहित कई महत्वपूर्ण यात्री सवार थे। इसके बाद एलायंस एयर ने सुरक्षा कारणों से धर्मशाला के लिए अगली उड़ान को रद्द कर दिया।
घटना का विवरण
शिमला एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली इस फ्लाइट में तकनीकी समस्या उस समय सामने आई, जब यह टेकऑफ के लिए तैयार थी। सूत्रों के अनुसार, पायलट और क्रू मेंबर्स ने समय रहते इस खराबी को पहचान लिया और उड़ान को रोक दिया गया। यात्रियों को पहले ही सतर्क कर दिया गया था, जिसके चलते कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। इस फ्लाइट में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री और हिमाचल प्रदेश के डीजीपी जैसे वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे, जिससे इस घटना की गंभीरता और बढ़ गई।
यात्रियों का अनुभव
फ्लाइट में सवार यात्रियों ने इसे एक डरावना अनुभव बताया। एक यात्री ने कहा, “अचानक रुकावट से सभी सहम गए थे, लेकिन क्रू ने स्थिति को संभाल लिया।” डिप्टी सीएम और डीजीपी की मौजूदगी ने भी इस घटना को सुर्खियों में ला दिया। हालांकि, सभी यात्री सुरक्षित हैं और उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था के तहत गंतव्य तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
एलायंस एयर का बयान
एलायंस एयर ने इस घटना के बाद आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि तकनीकी खराबी के कारण उड़ान को रोकना पड़ा। सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, एयरलाइन ने शिमला से धर्मशाला के लिए अगली उड़ान को भी रद्द कर दिया। कंपनी ने यात्रियों से असुविधा के लिए माफी मांगी और कहा कि विमान की जांच पूरी होने के बाद ही इसे फिर से सेवा में लाया जाएगा।
हिमाचल में उड़ान सेवाओं पर प्रभाव
यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब हिमाचल प्रदेश में हवाई सेवाएं पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए महत्वपूर्ण होती जा रही हैं। शिमला, कुल्लू और धर्मशाला जैसे शहरों को जोड़ने वाली ये उड़ानें राज्य के कनेक्टिविटी नेटवर्क का अहम हिस्सा हैं। इस हादसे के बाद उड़ान सुरक्षा को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं, और अधिकारियों से इसकी गहन जांच की मांग की जा रही है।
आगे की कार्रवाई
फिलहाल, शिमला एयरपोर्ट पर स्थिति सामान्य करने की कोशिश की जा रही है। विमानन अधिकारियों ने तकनीकी टीम को जांच के लिए भेजा है ताकि इस खराबी के कारणों का पता लगाया जा सके। साथ ही, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जा रहे हैं। हिमाचल सरकार ने भी इस मामले पर नजर रखी हुई है और जल्द ही स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है।
शिमला एयरपोर्ट पर हुई इस घटना ने एक बार फिर हवाई यात्रा की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया है। सभी की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि जांच में क्या सामने आता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जाएगा।