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शिमला। हिमाचल सरकार ने HRTC में एमडी के खाली पड़े पद पर डॉ. निपुण जिंदल को एडिशनल चार्ज के साथ नियुक्ति दी है। डॉ. जिंदल इस समय आयुष विभाग के डायरेक्टर हैं। अब वे HRTC के एमडी का कार्यभार भी संभालेंगे। हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए। हिमाचल से करीब एक दर्जन आईएएस केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं। इनमें HRTC के पूर्व एमडी रोहन ठाकुर भी शामिल हैं।
रेरा के चेयरमैन की पोस्ट भी खाली
HRTC में एमडी के पोस्ट के साथ रेरा के चेयरमैन का पोस्ट भी खाली पड़ा है। अब जबकि सुक्खू सरकार ने आर्थिक तंगी को देखते हुए केंद्र सरकार से नए IAS लेने से मना किया है, सरकार को मजबूरन मौजूदा उच्च प्रशासनिक अधिकारियों से ही काम चलाना पड़ेगा। समझा जा रहा है कि 10 मार्च से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र के बाद सरकार नए सिरे से बड़ी प्रशासनिक सर्जरी कर सकती है।
अभी ये अफसर केंद्र के पाले में
राज्य सरकार ने कुछ ही दिन पहले रोहन चंद ठाकुर को HRTC के एमडी पद से रिलीव किया है। उनके प्रतिनियुक्ति पर जाने के बाद से HRTC के एमडी का पद खाली था। पिछले साल ही रोहन चंद ठाकुर की पत्नी मानसी सहाय ठाकुर भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली गई थी. जो की एक साल से अब केंद्र में अपनी सेवाएं दे रही हैं. वहीं, अब रोहन चंद ठाकुर भी दिल्ली चले गए है.
कार्मिक मंत्रालय ने युवा आईएएस की नियुक्ति निदेशक वित्तीय सेवाएं के पद पर की है. CSS (सेंट्रल स्टाफिंग स्कीम) के तहत उनकी नियुक्ति पांच साल के लिए की गई है. के संजय मूर्ति को हाल ही में भारत का नियंत्रक एवं महालेखाकार नियुक्त गया था. इसके अलावा भरत खेड़ा, अनुराधा ठाकुर, रजनीश, मनीष गर्ग, सुभाशीष पंडा, पुष्पेंद्र राजपूत, डॉ. अमनदीप गर्ग व आर सेलवम केंद्र सरकार में सेवाएं दे रहे हैं.
पहले ही है IAS-IPS का टोटा
सीएम सुक्खू ने केंद्र से नए आईएएस-आईपीएस लेने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था. प्रदेश में वेतन देने से सरकारी खजाने पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ को कम करने के लिए सरकार ने नए आईएएस-आईपीएस लेने से इनकार कर दिया था. जिसके चलते प्रदेश में जहां पहले से ही उच्च प्रशासनिक अधिकारियों को कमी चल रही है.
सक्सेना को मिल सकती है नई जिम्मेदारी
वहीं, आने वाले दिनों में प्रदेश में जल्द बड़ा प्रशासनिक फेरबदल देखने को मिलेगा। राज्य सरकार जल्द रेरा चेयरमैन की नियुक्ति करेगी। माना जा रहा है कि सरकार मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को ही रेरा चेयरमैन बना सकती है। ऐसा हुआ तो बड़े स्तर पर फेरबदल होगा। राज्य में नया मुख्य सचिव लगना भी तय है।