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बिलासपुर। (अनिल) बिलासपुर जिले में चल रहे और भविष्य के लिए प्रस्तावित करोड़ों रुपये की लागत के पर्यटन आधारित प्रोजेक्ट्स को गति देने के लिए राज्य सरकार ने एक अहम निर्णय लिया है। उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक के अनुसार, मंडी में कार्यरत सहायक पर्यटन विकास अधिकारी (एटीडीओ) अब हफ्ते में तीन दिन बिलासपुर मुख्यालय स्थित उपायुक्त कार्यालय परिसर में बैठेंगे। इस निर्णय से जिले में पर्यटन परियोजनाओं की निगरानी और कार्यान्वयन में सुधार होगा।
उपायुक्त ने बताया कि जिला बिलासपुर में पर्यटन संबंधी गतिविधियों को देखते हुए प्रशासन द्वारा सरकार के समक्ष यह प्रस्ताव भेजा गया था जिसे अनुमति मिल गई है। यह कदम बिलासपुर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव पर्यटन विभाग के स्थानीय समन्वय और परियोजनाओं की गति में सुधार के उद्देश्य से राज्य सरकार को भेजा गया था, जिसे मंजूरी मिल गई है। इससे न केवल वर्तमान में चल रही योजनाओं को लाभ मिलेगा, बल्कि भविष्य में प्रस्तावित परियोजनाएं भी समय सीमा के भीतर पूरी हो सकेंगी।
बिलासपुर में ही पर्यटन गतिविधियों की अनुमति और जानकारी उपलब्ध होगी
आपको बता दें कि इस कदम से बिलासपुर जिले के निवासियों को पर्यटन गतिविधियों में भाग लेने और होमस्टे जैसी सुविधाएं स्थापित करने के लिए सभी आवश्यक जानकारी और परमिशन अब अपने जिले में ही मिल जाएगी। पहले स्थानीय निवासियों को इन कार्यों के लिए मंडी जाना पड़ता था, लेकिन अब यह असुविधा समाप्त हो जाएगी। इससे न केवल स्थानीय लोगों की भागीदारी बढ़ेगी, बल्कि पर्यटन से जुड़े नए उद्यमों को भी बढ़ावा मिलेगा।
पर्यटन परियोजनाओं में आएगा नया आयाम
बिलासपुर जिले में वर्तमान में कई प्रमुख पर्यटन परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। इनमें वाटर टूरिज्म सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। गोविंद सागर झील में क्रूज, शिकारा और अन्य जलक्रीड़ा गतिविधियां शुरू कर दी गई हैं, जिनका शुभारंभ मुख्यमंत्री द्वारा किया गया था। अब जल्द ही कोलडैम में वाटर टूरिज्म और एडवेंचर स्पोर्ट्स गतिविधियां शुरू होंगी, जो बिलासपुर को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करेंगी।
इसके अलावा, मंडी भराड़ी में व्यू प्वाइंट, वे-साईड एम्युनिटीज, स्काई ग्लास ब्रिज और फ्लाइंग होटल जैसी योजनाएं प्रस्तावित हैं। औहर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का होटल और अन्य बड़े पर्यटन ढांचे की योजनाएं भी बनाई जा रही हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य बिलासपुर जिले को हिमाचल प्रदेश के प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना है।
स्थानीय समुदाय को होगा आर्थिक लाभ
पर्यटन परियोजनाओं के सफल कार्यान्वयन से न केवल जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय समुदाय को रोजगार के अवसर और आर्थिक लाभ भी प्राप्त होंगे। होमस्टे और अन्य सुविधाएं स्थापित करने के लिए आसान अनुमति प्रक्रिया से स्थानीय उद्यमियों को फायदा होगा, जिससे पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
परियोजनाओं के समय पर क्रियान्वयन में होगा सुधार
एटीडीओ की हफ्ते में तीन दिन बिलासपुर में उपस्थिति से पर्यटन योजनाओं की निगरानी और समन्वय में सुधार होगा। उपायुक्त कार्यालय से अधिकारियों के नियमित संपर्क से परियोजनाओं की प्रगति को त्वरित गति मिलेगी। यह सुनिश्चित होगा कि चल रहे और प्रस्तावित प्रोजेक्ट समय सीमा के भीतर पूरे हों।
अब बिलासपुर में ही मिलेंगी सभी परमिशन और जानकारी
अब बिलासपुर के निवासियों को पर्यटन गतिविधियों से जुड़ी सभी जानकारी और अनुमति के लिए मंडी जाने की आवश्यकता नहीं होगी। एटीडीओ की तैनाती से स्थानीय निवासियों को होमस्टे जैसी सुविधाएं स्थापित करने में सुविधा होगी।
बिलासपुर के प्रमुख पर्यटन प्रोजेक्ट्स
बिलासपुर जिले में पर्यटन आधारित कई बड़े प्रोजेक्ट प्रस्तावित हैं। इनमें गोविंद सागर झील और कोलडैम में वाटर टूरिज्म, मंडी भराड़ी में व्यू प्वाइंट, वे-साईड एम्युनिटीज, स्काई ग्लास ब्रिज और फ्लाइंग होटल जैसी सुविधाएं शामिल हैं। औहर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का होटल और पर्यटन ढांचा विकसित करने की योजना है। इन प्रोजेक्ट्स से बिलासपुर पर्यटन के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरेगा।