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शिमला। एचआरटीसी के 50 वर्ष पूरे होने पर शिमला के होटल पीटरहॉफ में गोल्डन जुबली कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की तैयारियां व्यवस्थित तरीके से की गई थी। कार्यक्रम में एचआरटीसी (HRTC) के 50 वर्षों के सफर का उल्लेख किया गया।
HRTC के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर (Rohan Chand Thakur) ने अपने संबोधन में एचआरटीसी के 50 वर्षों में किए गए कार्यों का उल्लेख किया और आंकड़ों को जनता के सामने रखा। रोहन चंद ठाकुर ने बताया की एचआरटीसी का 50 वर्षों का सफर लंबा और प्रेरणादायक रहा है। एमडी ने बताया सभी के सहयोग से इस कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन हम कर पा रहे है।
6 लाख यात्री करते है प्रतिदिन सफर
प्रबंध निदेशक ने बताया एचआरटीसी में 11 हजार से ऊपर कर्मचारी 7600 पेंशनभोगी, 31 इकाइयां, 54 बस डिपो और 3200 बसें शामिल है। प्रदेश की जनसंख्या का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा यानी की 6 लाख यात्री प्रतिदिन निगम को बसों में सफर करते है और प्रतिवर्ष 20 करोड़ किलोमीटर की यात्रा करते है। यह आंकड़ा सुनने में साधारण लगता होगा लेकिन यह पृथ्वी से सूर्य तक की दूरी का भी 40 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश की 1 प्रतिशत जनता यानी की 19 हजार परिवार प्रत्यक्ष रूप से एचआरटीसी पर निर्भर है। एचआरटीसी मानव यात्रा के साथ साथ भारतीय डाक सेवा के माध्यम से भी लोगों को आपस में जोड़ती है।
HRTC की 50 वर्षों की उपलब्धियां
प्रबंध निदेशक रोहन ने बताया की 1977 में एचआरटीसी ने रात्रि बस सेवा की शुरुआत की। 1987 में टायर रिट्रेडिंग प्लांट शुरू किया। 1993 में कॉर्पोरेशन में पहला कंप्यूटर आया। 1994 में एचआरटीसी बसों में पावर स्टीयरिंग प्रस्तुत किया। 1995 में कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना शुरू की गई। 2003 में वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों के लिए राइड विद प्राइड टैक्सी शुरू की गई। 2004 में वोल्वो लग्जरी बस शुरू की गई। 2006 में ऑनलाइन टिकटिंग सुविधा शुरू की गई। 2016 में एचआरटीसी में इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किया गया। 2023 में 24 घंटे सातों दिन हेल्पलाइन शुरू की गई और हाल ही में 2024 में बसों में कैशलैस ट्रांजेक्शन ऑनलाइन पेमेंट और NCMC कार्ड पेमेंट की शुरुआत की गई।
आय में 55 करोड़ रूपए वृद्धि
उन्होंने बताया पिछले वर्ष की तुलना में एचआरटीसी की आय में 55 करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया राजस्व बढ़ाने के लिए नई लगेज पॉलिसी लाई गई। एचआरटीसी ने प्रथम दर्शन सेवा शुरू की। खर्चों को कम करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। चालकों और परिचालकों को पहली बार दिल्ली में रेस्ट रूम बनाए जा रहे है। उन्होंने बताया यह सभी उपलब्धियां इस संस्था की अटूट हिस्सा है। सीमित संसाधनों के बावजूद प्रदेश को सुचारू रूप से संचालित किया गया है। एचआरटीसी के कर्मचारियों मुख्यतः चालक परिचालकों को और सभी श्रेणियों के कर्मचारियों को मैं इस उपलब्धि का श्रेय देता हूं।