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शिमला। हिमाचल को हरित राज्य बनाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से सिर्फ इलेक्ट्रिक बसें खरीदने की नीति में बदलाव होगा। देश में कहीं भी बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध न होने के चलते अब 250 डीजल बसें खरीदी जाएंगी। शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में एचआरटीसी निदेशक मंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया।
एचआरटीसी के पास बसों की कमी है और इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में परिवहन सेवाएं प्रभावित न हों, इसलिए डीजल बसें खरीदने का निर्णय लिया गया है। इसके अतिरिक्त 50 टेंपो ट्रैवलर भी खरीदे जाएंगे। बसों और टैंपो ट्रेवलर की खरीद पर 105 करोड़ रुपये खर्च होंगे। चालकों की भर्ती जल्द शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
इलेक्ट्रिक बसों की खरीद की प्रक्रिया भी समानांतर तरीके से जारी रखी जाएगी। टाइम-1 और टाइम-3 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए भी निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। एचआरटीसी ने 24 सुपर लग्जरी बसें खरीदने का भी फैसला लिया है। फिलहाल कुछ इलेक्ट्रिक बसें खरीदने के लिए 25 करोड़ का प्रावधान भी किया गया है। बैठक में प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम, एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहनचंद ठाकुर, निदेशक परिवहन विभाग डीसी नेगी सहित परिवहन निगम के अधिकारी मौजूद रहे।
बीओडी में यह भी लिए गए फैसले
- एचआरटीसी कर्मियों के बकाया मेडिकल भत्तों के लिए जारी होंगे 9 करोड़
- बद्दी और फतेहपुर में नए बस अड्डे बनाने का फैसला
- प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में संसाधन जुटाने के लिए कमेटी गठित- एचआरटीसी के घाटे के कारणों की रिपोर्ट भी सरकार को देगी कमेटी
- निगम की आय बढ़ाने वाले कर्मचारियों के लिए शुरू होगी पुरस्कार योजना
धर्मशाला बस अड्डे के ठेकेदार को नोटिस
बैठक में प्रदेश में संचालित हो रहे निगम के बस अड्डों की स्थिति की समीक्षा भी की गई। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि धर्मशाला के नए बस अड्डे के ठेकेदार को अनियमितताओं के चलते नोटिस जारी कर बीओडी की अगली बैठक में तलब करने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा शिमला आईएसबीटी और मैक्लोडगंज बस अड्डे के ठेकेदार के साथ चल रहे विवाद को खत्म करने पर भी चर्चा हुई। पूर्व सरकार के समय रैलियों का पैसा अब तक एचआरटीसी को नहीं मिला। इसके लिए भी नए सिरे से प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया गया है।