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सुप्रीम कोर्ट में पतंजलि (Patanjali) के विज्ञापन मामले में योग गुरु स्वामी रामदेव के माफीनामे पर सुनवाई हुई. बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण भी सुप्रीम कोर्ट में मौजूद रहे. बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण व्यक्तिगत तौर पर सुप्रीम कोर्ट माफी मांगी. सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि पतंजलि की माफी अभी स्वीकार नहीं की गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी रामदेव से पूछा कि आपने कहा था कि कुछ और भी दाखिल करना चाहते हैं, कुछ अतिरिक्त दाखिल किया गया ? इस पर रामदेव के लिए मुकुल रोहतगी ने कहा कि हमने अभी कुछ फाइल नहीं किया है, लेकिन हम सार्वजनिक माफी मांगना चाहते हैं. रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के उल्लंघन के लिए अखबार में सार्वजनिक माफी प्रकाशित करने की पेशकश की.
मैं आगे से जागरूक रहूंगा- रामदेव: सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बाबा और आचार्य बालकृष्ण से बातचीत की. जस्टिस कोहली ने स्वामी रामदेव से कहा कि आप मशहूर हैं. योग के क्षेत्र में आपने काफी काम किया है. आप बिजनेस भी करने लगे. तभी सुप्रीम कोर्ट के वीडियो का प्रसारण बाधित हो गया. तीन मिनट बाद सिर्फ ऑडियो आया. जस्टिस कोहली ने कहा कि ये बाधा सिर्फ संयोग है, हमारी ओर से कोई सेंशरशिप नहीं है. कोर्ट ने बाबा रामदेव से सीधा सवाल किया कि आपको माफी क्यों दी जाय?
बालकृष्ण और स्वामी रामदेव बोले- हमसे हुई गलती: आचार्य बालकृष्ण ने कहा, 'ये भूल अज्ञानता में हुई है, हमारे पास सबूत हैं.' जस्टिस अमानुल्ला ने कहा कि आप एलोपैथी पे उंगुली नहीं उठा पाएंगे, ये सही नहीं है. इस पर स्वामी रामदेव ने कहा, 'हमने उत्साह में आकर ये कर दिया है. हम आगे सजग रहेंगे. हम एलोपैथी के बारे में कुछ नहीं बोलेंगे.'
23 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई: जस्टिस कोहली ने कहा, 'इतने इनोसेंस कोर्ट में नहीं चलते हैं कि आज आप माफी मांग रहे हैं, ऐसा नहीं चलता है.' इस पर स्वामी रामदेव ने कहा कि इस तरह की गलती दोबारा नहीं होनी चाहिए. इसके बाद जस्टिस कोहली ने कहा कि आपका पिछला इतिहास खराब है, हम इस पर विचार करेंगे कि आपकी माफी स्वीकार की जाए या नहीं. आपने लगातार उल्लंघन किया हैं. वहीं जस्टिस अमानुल्ला ने कहा कि आप दिल से माफी नहीं मांग रहे हैं. यह ठीक नहीं है.
रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के उल्लंघन के लिए अखबार में सार्वजनिक माफी प्रकाशित करने की पेशकश की. सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण दोनों को सुनवाई की अगली तारीख यानि 23 अप्रैल को उपस्थित रहने को कहा.