हिमाचल: आरटीआई एक्ट की अवहेलना पर दो अलग अलग मामलों में SIC की कार्रवाई

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हिमाचल प्रदेश सूचना आयोग ने दो अलग-अलग मामलों में दो अधिकारियों पर आरटीआई एक्ट के तहत सूचना देने में देरी करने और जानकारी नहीं देने पर पेनल्टी लगाई है। इनमें नगर निगम सोलन के सहायक अभियंता पर 15 हजार रुपये और उच्च शिक्षा निदेशालय के विशेष कार्य अधिकारी पर 10 हजार का जुर्माना लगाया है। एक शिकायत और एक अपील पर यह फैसले राज्य मुख्य सूचना आयुक्त आरडी धीमान ने सुनाए है। वर्तमान शिकायत जिला सोलन के सुभाष चंद शर्मा ने सूचना जारी नहीं करने पर की है। 

आयोग के अनुसार शिकायतकर्ता को प्रतिवादी ने कोई भी जवाब नहीं दिया। इसलिए शिकायतकर्ता ने एक शिकायत राज्य सूचना आयोग के समक्ष दायर की। आयोग ने इस मामले के सारे रिकॉर्ड को देखा। यह पाया गया कि प्रतिवादी ने आरटीआई के आवेदन पर जवाब नहीं दिया। ऐसे में आरटीआई एक्ट की धारा 7 की अवहेलना हुई है। प्रतिवादी ने इस संंबंध में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया, जो आरटीआई एक्ट की धारा 20 (1) की अवहेलना है। ऐसे में नगर निगम सोलन के सहायक अभियंता पर बतौर जनसूचना अधिकारी 15 हजार रुपये की पेनल्टी लगाई गई।

दूसरी अपील नीतू देवी सोलन निवासी की ओर से फाइल की गई। उन्होंने आरटीआई एक्ट के तहत यह जानकारी चाही थी कि उनकी सेवाएं उनकी योग्यता के अनुसार क्यों नहीं ली जा रही हैं। जनसूचना अधिकारी ने इस सूचना को देने से भी यह कहकर मना कर दिया कि इसे नहीं दिया जा सकता है। आयोग ने इस मामले का पूरा रिकॉर्ड देखा और पाया कि जनसूचना अधिकारी ने इस सूचना को देने से गलत तरीके से इनकार किया है। 

आयोग ने कहा कि जनसूचना अधिकारी यानी उच्च शिक्षा निदेशालय के ओएसडी की ओर से सूचना नहीं देने के फैसले को निदेशालय की प्रथम अपीलीय अथारिटी ने सही ठहराया, जो कि गलत था। ऐसे में दोनों को ही चेतावनी दी गई कि आरटीआई एक्ट पर कोई भी निर्णय लेते वक्त वह भविष्य में सतर्क रहें। प्रतिवादी ने इस सूचना को देने से जानबूझकर इन्कार किया। वह देरी का कारण भी नहीं बता पाए। ऐसे में ओएसडी पर 10 हजार रुपये की पेनल्टी लगाई गई।

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