हिमाचल: क्रिप्टो करंसी मामले के आरोपियों के खिलाफ बीयूडीएस एक्ट, 10 साल की सजा का प्रावधान

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हिमाचल में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर हजारों लोगों से ठगी करने के मामले में आरोपियों के खिलाफ बीयूडीएस एक्ट, 2019 (बैनिंग ऑफ अन रेग्यूलेटिंग डिपॉजिट स्कीम)  के तहत कार्रवाई होगी। अनियंत्रित जमा योजना पाबंदी विधेयक में 10 साल की सजा का प्रावधान है। पुलिस मामले में जल्द चालान पेश करने जा रही है। 

गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक समेत अन्य अधिकारियों के साथ बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने यह जानकारी दी। मुकेश बोले - जिन लोगों के साथ ठगी हुई है, उन्हें सरकार पैसा वापस देने का प्रयास करेगी, लेकिन आरोपियों की कितनी संपत्ति सीज होगी, यह उस पर निर्भर करेगा। अभी तक ठगी में किसी एमएलए का नाम नहीं आया। 10 आरोपी पकड़े जा चुके हैं और 80 मोबाइल जब्त किए हैं।

करीब 40 गिरफ्तारियां अभी होनी हैं। डीआईजी अभिषेक दुल्लर ने मामले में बेहतरीन काम कर रहे हैं। मुकेश ने बताया की केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने उन्हें पत्र भेज सूचित किया था कि हिमाचल के लोगों के साथ फ्रॉड हुआ है, इसकी जांच करवाएं। विधानसभा में जब मामला उठा तो एसआईटी बनाई गई। जांच में पता चला है कि करीब 2,500 करोड़ का फ्रॉड हुआ है। जब एसआईटी बनाई, तब 8 शिकायतें आई थीं। अब 300 से अधिक आ चुकी हैं। फ्रॉड में करीब 500 करोड़ की रिकवरी नहीं हो सकेगी, यह पैसा लोगों को नहीं मिल पाएगा। डिजिटल स्कैम में प्रदेश के 1 लाख लोगों को जोड़ा गया और ढाई लाख आईडी बनाई गई।

100 के करीब लोगों ने 2 करोड़ से ऊपर कमाई की और 200 लोगों ने एक करोड़ से अधिक पैसा कमाया। इन सभी से पूछताछ होगी। मंडी सरकाघाट के सुभाष ने अकेले ही 200 करोड़ की कमाई की और पत्नी के साथ दुबई भाग गया। उसका वीजा खत्म हो गया है और इंटरपोल के जरिये लुक आउट नोटिस जारी करने की प्रक्रिया चल रही है। पूरा फ्रॉड मोबाइल पर हुआ। पुलिस ने वेबसाइट रिकवर कर दी है। किसने कितना पैसा लगाया, पूरा विवरण मिल गया है। 5,000 के करीब सरकारी कर्मचारियों ने भी पैसा लगाया और इनमें पुलिस कर्मी भी शामिल हैं।

एसआरटी में नहीं कोई बदलाव, सिर्फ टैक्स चोरी रोकी :उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा है कि सरकार ने विशेष पथकर में कोई बदलाव नहीं किया, सिर्फ टैक्स चोरी करने वालों को रोका है। ऑटो पर एसआरटी पहले 363 था। टैक्सी, कार पर पहले 1,350 था, अब भी इतना ही है। बसों का एसआरटी बढ़ाने का कोई प्रस्ताव हीं नही था, न ही बढ़ाया गया है। ट्रकों के टैक्स लंबे समय से जमा नहीं हो रहे थे, उन्हें राहत देते हुए जुर्माना और टैक्स माफ किया गया है। अब ट्रक ऑपरेटर 10 फीसदी ड्यूटी जमा करवा सकते हैं।

बदलाव सिर्फ इतना है कि पहले टैक्स की दरें आबकारी विभाग तय करता था। इस बार परिवहन विभाग ने तय की है। बाहरी राज्यों के पर्यटक वाहनों के लिए एसआरटी 3,000 रोजाना से घटा कर 500 रुपये रोजाना कर दिया है। सिर्फ फिल्मी सितारों की ओर से इस्तेमाल होने वाली वैनिटी वैन पर टैक्स लगाया गया है। औद्योगिक क्षेत्रों में बाहरी राज्यों से आने वाली बसों को टैक्स के दायरे में लाया गया है। बोझ नहीं डाला गया टैक्स का सरलीकरण किया गया है।

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